Chhattisgarh के सुकमा जिले के कंगालतोंग के जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत की गई कार्रवाई में एक बड़ा खुलासा हुआ है। बता दें कि लगातार बस्तर में हाईटेक हो रहे नक्सली संसाधनों को जूटा कर खुद को आधुनिक सुविधाओं से लैस कर रहे हैं। एक ऑपरेशन के दौरान सुकमा के घने जंगलों से जमीन के नीचे डंप किए गए नक्सली सामग्री के ढेर से स्नाइपर जैकेट का सेट मिला है।
स्नाइपर जैकेट ने सुरक्षा एजेंसियों को भी चौंका दिया है क्योंकि यह अब तक की पहली घटना है जहां नक्सलियों के पास से स्नाइपर जैकेट बरामद किया गया है। जिस तरह से नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं । इन सब के बीच नक्सली लगातार खुद को हाईटेक सुविधाओं से लैस करने की तैयारी में जुटे हैं।
मामले की पुष्टि करते हुए सुकमा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा ने बताया कि कंगालतोंग के जंगलों में पुलिस पार्टी सर्च अभियान पर निकली हुई थी इसी दौरान नक्सली जवानों को आता देखकर डंप की गई सामग्री को छोड़ भाग खड़े हुए। जिसके बाद सर्चिंग के दौरान नक्सली सामग्रियों के बीच तीन नाग स्नाइपर जैकेट का सेट मिला है। वहीं मौके से बीजीएल के सेल, एक- 47 राइफल के जिंदा राउंड, विस्फोटक सामग्री, इलेक्ट्रिक वायर, भरमार बैरल, नक्सली दस्तावेज लकड़ी के स्पाइक, कॉम्बैट वर्दी का कपड़ा समेत अन्य नक्सल सामग्री बरामद किया गया है।
गौरतलब है कि पिछले 4 महीने से बस्तर भर में नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज किए गए हैं जहां 120 से ज्यादा नक्सली ढेर किया जा चुके हैं जैसे-जैसे जवान जंगलों में कैंप स्थापित कर खुद को हाईटेक कर रहे हैं और संसाधनों से लैस कर रहे हैं वैसे-वैसे नक्सली भी खुद को हाईटेक करते नजर आ रहे हैं। बीते दिनों नारायणपुर के जंगलों में नक्सलियों का रिमोटबम बनाने का अहम दस्तावेज सुरक्षा एजेंसियों के हाथ लगा था जिसमें बिना किसी वायर के दूर बैठे बम को कमांड किए जाने का दावा किया जा रहा है।
पिछले चार ऑपरेशन में जवानों को नक्सलियों के पास से जवानों की हूबहू कॉम्बैट वर्दी भी मिली है जिसमें नक्सलियों द्वारा जवानों को गुमराह करने के षड्यंत्र का खुलासा हुआ। वहीं लगभग सभी ऑपरेशन में बरामद किए गए सामग्रियों में नक्सलियों का हैंडमेड भरमार बैरल और बैरल के सेल भी बरामद हुई जिससे जवानों को नक्सली निशाना बनाते हैं।
कुछ महीने पहले नक्सलियों के द्वारा बीजापुर के चिंतावागू इलाके में सुरक्षाकैंप पर हमला किया गया था और कैंप लूटने की तैयारी थी । इस दौरान सर्चिंग में प्राकृतिक संसाधनों और झाड़ियां से नक्सलियों द्वारा बनाया गया 50 से अधिक जैकेट मिला था ,जो हूं बहू स्नाइपर जैकेट की तरह खुद को जंगलों में छुपाने में मददगार था । इस घटना के बाद 13 जून को कंगालतोंग के जंगलों में नक्सलियों के अस्थाई कैंप से तीन नाग स्नाइपर जैकेट मिलना सुरक्षा एजेंसीयों के लिए चौका देने वाला मामला बन गया है।
बता दें कि कि स्नाइपर जैकेट का सेट आम बाजार में मिल पाना संभव नहीं है और जो स्नाईपर जैकेट नक्सलियों के पास से मिला है वह किसी जवान से लूटा हुआ भी नहीं है । ऐसे में एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि नक्सली प्रतिबंधित सामग्रियों को आखिर कैसे जुटा पा रहे हैं । नक्सलियों का शहरी नेटवर्क भी समय के साथ मजबूत होता दिखाई दे रहा है।