दूधाधारी मठ में हरेली का त्यौहार बड़े ही श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया गया, इस अवसर पर कृषि यंत्रों को परंपरागत रूप से साफ- सफाई करके पूजा स्थल पर सजाया गया। विधिवत पूजा अर्चना करके मिष्ठान का भोग लगाया गया। आरती, स्तुति गान संपन्न होने के पश्चात श्रद्धालु भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। दूधाधारी मठ पीठाधीश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास महाराज ने अपने संदेश में कहा कि- छत्तीसगढ़ राज्य में हरेली का त्यौहार बड़े ही हर्सोल्लास पूर्वक मनाया जाता है।
इस दिन कृषि कार्य में उपयोग में लाये जाने वाले कृषि यंत्रों के प्रति भी कृतज्ञता ज्ञापित की जाती है। उन्हें साफ सफाई करके सुरक्षित रखा जाता है। गौ माता एवं गौवंशियों की भी पूजा की जाती है,गांवों में गेंड़ी चढ़ने की परंपरा है, लोग नारियल पर शर्त भी लगते हैं। हरेली त्यौहार से छत्तीसगढ़ में त्योहारों की लंबी श्रृंखला प्रारंभ होती है, हरेली से लेकर देव उठनी एकादशी तक लगभग प्रत्येक दिन कोई न कोई त्यौहार होता है। उन्होंने हरेली पर्व पर संपूर्ण देशवासियों को शुभकामनाओं सहित बधाई दी है। उल्लेखनीय है कि हरेली पूजा के अवसर पर श्री राम शिरोमणि दास जी महाराज, अयोध्या प्रसाद त्रिवेदी जी , विश्वनाथ त्रिवेदी जी,त्यागी जी महाराज, राम अवतार दास जी, नागा जी महाराज, रामप्रिय दास जी, मठ मंदिर के पुजारी, विद्यार्थी एवं कर्मचारी गण, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव तथा श्रद्धालु भक्तगण उपस्थित थे।