कई लोगों के मन में यह सवाल भी रहता है कि क्या कुंवारी लड़कियां भी हरियाली तीज का व्रत रख सकती हैं. आइये जानते है विस्तार से हरियाली तीज का व्रत सिर्फ सुहागिनें ही नहीं बल्कि कुंवारी लड़कियां भी रख सकती हैं. जिस तरह से सुहागिनें इस व्रत को रखकर अपने पति के साथ और प्यार के साथ ही लंबी उम्र का वरदान शिव-गौरा से मांगती हैं, उसी तरह से कुंवारी लड़कियां हरियाली तीज का व्रत रखकर अपने लिए मनपसंद और योग्य वर का आशीर्वाद शिव-पार्वती से मांगती है. हर लड़की की चाहत होती है कि उसे बिल्कुल भगवान शिव की तरह बेपनाह प्रेम करने वाला पति मिले. शिव-पार्वती की जोड़ी तरह ही उसकी भी जोड़ी हो, इसी कामना के साथ लड़कियां हरियाली तीज का व्रत रखती हैं और शिव-पार्वती की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ करती हैं.
क्या है पौराणिक मान्यता?
पैराणिक मान्यता के मुताबिक भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती को यह आशीर्वाद दिया था कि अगर कोई कुंवारी लड़की हरियाली तीज पर पूरी श्रद्धा से व्रत रखेगी तो उसे मनचाहा वर मिलेगा साथ ही उसकी शादी में किसी भी तरह की विघ्न और बाधा नहीं आएगी.
कुंवारी लड़कियां ऐसे रखें हरियाली तीज का व्रत
हरियाली तीज का व्रत रखने कुंवारी लड़कियों को इस दिन सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले नहाना चाहिए और फिर हरे रंग के साफ कपड़े पहने चाहिए और अच्छी तरह से तैयार होना चाहिए.कुंवारी लड़कियों को हरियाली तीज पर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की आराधना करनी चाहिए. साथ ही व्रत रखने का संकल्प लेना चाहिए.
हरियाली तीज के व्रत का शुभ फल पाने के लिए इस दिन कुंवारी लड़कियों को भी सुहागिनों की तरह पानी नहीं पीना चाहिए और निर्जला व्रत रखना चाहिए. पूजा के लिए मिट्टी से शिव और गौरी की मूर्ति बनाकर उनका सोलह श्रृंगार करना चाहिए. मेवा वाली खीर, पूड़ी, पुए के साथ उनको भोग चढ़ाना चाहिए. कुंवारी लड़कियों को शिव-गौरी को जल, फल और फूल चढ़ाकर और आरती करके उनसे अच्छे और योग्य पति पाने का वरदान मांगना चाहिए.
पूरे दिन व्रत रखकर शाम के समय मिट्टी वाली शिव-पार्वती की मूर्ति को झूला झुलाना चाहिए इसके बाद शाम के समय उनको बहते हुए जल या फिर मंदिर आदि में विसर्जित कर देना चाहिए.हरियाली तीज के व्रत में कुंवारी लड़कियों को कपड़े, चना, उड़स और फल आदि का दान करना चाहिए और शिव-गौरी से मनचाहे पति का आशीर्वाद मांगना चाहिए.