महानदी के त्रिवेणी संगम तट पर युग -युगांतर से विराजित भगवान शिवरीनारायण की पावन धारा में परंपरागत रूप से आयोजित होने वाले श्रावण झूला का शुभारंभ प्रत्येक वर्ष की तरह श्रावण शुक्ल तृतीया तदनुसार दिनांक 7 अगस्त सन 2024, बुधवार को महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज के कर कमलों से हुवा। वे अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शाम 4:30 बजे शिवरीनारायण मठ पहुंचे, यहां भगवान के दर्शन पूजन के उपरांत उन्होंने सांध्य कालीन बेला में शाम 6:00 बजे श्रावण झूला का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर नर –नारायण मंदिर के सामने भगवान रामचंद्र जी, माता जानकी एवं लक्ष्मण जी के लिए भव्य झांकी तैयार की गई है, उन्हें फूलों से सजे हुए झूले पर बिठाया गया, विधि वक्त पूजा अर्चना की गई, इसी के साथ ही पूरे नगर में श्रवण झूले का शुभारंभ हो गया। पूरे मंदिर परिसर को विद्युत की रोशनी से सजाई गई है। शिवरीनारायण मंदिरों का शहर है। यहां प्रायः सभी मंदिरों में श्रावण मास में एक पखवाड़े अर्थात श्रावण पूर्णिमा तक श्रावण झूला का आयोजन होता है। प्रत्येक दिन शाम 6:00 बजे से लगभग रात्रि 10:00 बजे तक भगवान की झांकी आम दर्शनार्थियों के लिए खुली रहती है लोग भगवान का दर्शन कर अपना जीवन धन्य बनाते हैं। महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त जी महाराज ने इस अवसर पर अपने संदेश में कहा है कि- शिवरीनारायण छत्तीसगढ़ राज्य की प्राचीनतम तीर्थ स्थलों में से एक है। यह चारों युग की नगरी है। भगवान रघुनाथ जी अपने अनुज लक्ष्मण जी के साथ यहां माता जानकी की खोज करते हुए आए थे।
इसे भगवान जगन्नाथ का मूल स्थान माना जाता है। यहां भगवान शिवरीनारायण विराजित हैं जिनके दर्शन प्राप्त करके लोग अपना लोक और परलोक दोनों सवांरते हैं। श्रावण झूले की उन्होंने संपूर्ण छत्तीसगढ़ वासियों को शुभकामनाओं सहित बधाई दी है। इसके प्रारंभ होने के अवसर पर पूर्णेन्द्र तिवारी, निरंजन लाल अग्रवाल,कमलेश सिंह, शिवरीनारायण मठ के मुख्तियार सुखराम दास, जगदीश मंदिर के पुजारी त्यागी जी महाराज,रेखेन्द्र तिवारी, हिमांशु तिवारी,मनोज यादव, पुरेंद्र सोनी, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव सहित अनेक गणमान्य नागरिक तथा श्रद्धालु भक्तजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।