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तेजस्वी किसान मार्ट की राष्ट्रीय संगोष्ठी: पर्यावरण, हरित ऊर्जा और कार्बन क्रेडिट पर किसानों की भागीदारी_Newsxpress

DESK News : लखनऊ | किसान मार्ट और यूनिवर्सल सोनांचल किसान संगठन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘पर्यावरण, हरित ऊर्जा और कार्बन क्रेडिट’ में देशभर के किसान उत्पादक संगठन, किसान समूह और स्वयं सहायता समूह के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य किसानों को हरित कृषि, कार्बन क्रेडिट और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एफपीओ/एफपीसी की भूमिका के बारे में जागरूक करना था।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड और गुजरात के 40 से अधिक जनपद प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रमुख प्रतिनिधियों में प्रकाश कुशवाहा (गुना, मध्य प्रदेश), शैलेन्द्र कुमार (समस्तीपुर), सोनू, राजीव पाण्डेय (जौनपुर), देवेंद्र कुमार (प्रतापगढ़), डायमंड कुमार (गया), भोलानाथ महतो (पुरुलिया, पश्चिम बंगाल), रनजीत चौबे (वैशाली), मुद्रिका एफपीसी (वैशाली), दीवान एफपीओ शामिल थे।

मुख्य वक्ताओं के विचार

प्रोफेसर डॉ. मनोज कुमार तिवारी (आईआईटी कानपुर)
डॉ. तिवारी ने कृषि भूमि के माध्यम से जलवायु परिवर्तन समाधान की संभावनाओं पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने कृषि मिट्टी में कार्बन पृथक्करण के मॉडल को समझाया और बताया कि कैसे उचित प्रबंधन से मिट्टी में कार्बन भंडारण बढ़ाकर हरित गैस उत्सर्जन कम किया जा सकता है।
उन्होंने खेती की प्रणालियों को जलवायु-अनुकूल बनाने पर बल दिया और कहा कि सतत कृषि तभी संभव है जब जल, मिट्टी, कार्बन और समुदाय को एकीकृत ढांचे में रखा जाए।
डॉ. तिवारी ने जल प्रबंधन को केंद्रीय बिंदु बताते हुए जल उपयोग दक्षता, वर्षा जल संचयन, सूक्ष्म सिंचाई और स्मार्ट जल प्रबंधन जैसे उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया।
उनका संदेश स्पष्ट था कि एकीकृत और संवेदनशील कृषि मॉडल ही पर्यावरण और उत्पादन दोनों को संतुलित कर सकता है।

अमित भूषण वरिष्ठ मुख्य प्रबंधन बी टू बी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड
अमित भूषण ने कार्बन क्रेडिट की व्यावहारिक समझ किसानों तक पहुँचाने का प्रयास किया।
उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किसान वृक्षारोपण, कृषि वनों और प्राकृतिक खेती के माध्यम से कार्बन क्रेडिट उत्पन्न कर सकते हैं और इससे अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं।
उन्होंने जोर दिया कि धरातलीय अनुभव और व्यावहारिक दृष्टिकोण किसानों को कार्बन क्रेडिट प्रक्रिया और लाभ को आसानी से समझने में मदद करता है।

डॉ. अशोक कुमार उपाध्याय प्रिंसिपल राजकीय पॉलिटेक्निक शोलापुर, महाराष्ट्र
कृषि शिक्षा में पर्यावरणीय साक्षरता और तकनीकी प्रशिक्षण को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
ग्रामीण युवाओं और नए किसान उद्यमियों को जैविक खाद, जल संरक्षण और कम जुताई जैसी तकनीकों में प्रशिक्षित करने की बात कही।

अजय कुमार मिश्रा जिला पशु चिकित्साधिकारी, सोनभद्र
पशुपालन में मीथेन उत्सर्जन कम करने, हरे चारे के प्रबंधन और बायोगैस उत्पादन पर व्यावहारिक सुझाव दिए।
किसानों को स्थायी और पर्यावरण-अनुकूल पशुपालन अपनाने के लिए प्रेरित किया।

ई. प्रकाश पाण्डेय संस्थापक तेजस्वी किसान मार्ट
संगठन की उपलब्धियों का विवरण देते हुए कहा कि एक वर्ष में आठ स्टोर सफलतापूर्वक प्रारंभ किए गए।
एफपीओ को संगठन से जुड़ने और कार्बन क्रेडिट व हरित ऊर्जा के अवसर अपनाने का आवाहन किया।

हिमांशु चतुर्वेदी
राष्ट्रीय संगठनमंत्री तेजस्वी किसान मार्ट देश के सभी राज्यों और प्रत्येक एफपीओ तक पहुँच बनाने की दिशा में सक्रिय है।
किसान समूह और एफपीओ का यह सामूहिक मंच ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।
संगठन लगातार किसानों के लिए हरित और स्वावलंबी कृषि का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।

वृक्षारोपण और हरित कृषि पर जोर

एफपीओ/एफपीसी ने अपने क्षेत्रों में कृषि वनों और प्राकृतिक खेती अपनाने का निर्णय लिया।
बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण और जैविक खेती से पर्यावरणीय स्थिरता और किसानों के लिए अतिरिक्त आय सुनिश्चित होगी।
प्रतिनिधियों ने सहमति जताई कि एफपीओ और स्वयं सहायता समूह मिलकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करेंगे।

प्रतिभागियों की उल्लेखनीय उपस्थिति

अशोक कुमार उपाध्याय, हिमांशु चतुर्वेदी, तेजस्वी किसान मार्ट, कमलेश कुमार मीणा, सुनील कुमार सुमन, प्रोफेसर मनोज तिवारी, शैलेन्द्र कुमार (समस्तीपुर), शैलेन्द्र दास, रमेश सिंह, रमेश कुमार, प्रकाश, बी. यादव, आयुष अग्निहोत्री, मनभूम किसान उत्पादक कंपनी, प्रमोद ब्रजदार, रूपवारा मारवान एफपीओ, रिओटी प्रोग्रेसिव, दीवान एफपीओ, मुद्रिका एफपीसी (वैशाली), विनोद तिवारी, एन.ई.एम., सुखदी साबर, अमित, सतीश (गुजरात), लोकोपकार किसान समूह, डायमंड कुमार (गया), उल्दन, के.पी., अजय, देवेंद्र कुमार (प्रतापगढ़), ब्रह्मपाल, सोनू, शिवबांकी, सूरज, एग्रीमोरा, अकबर, सुजीत, राजीव पाण्डेय (जौनपुर), भोलानाथ महतो (पुरुलिया, पश्चिम बंगाल), रनजीत चौबे (वैशाली), प्रकाश कुशवाहा (गुना, मध्य प्रदेश), ज्योत्सना (पश्चिम बंगाल), अंजू देवी इत्यादि

संगोष्ठी ने स्पष्ट किया कि—
पर्यावरण संरक्षण, हरित ऊर्जा और कार्बन क्रेडिट के माध्यम से किसानों को आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से सशक्त बनाने में एफपीओ/एफपीसी की भागीदारी और तेजस्वी किसान मार्ट की पहल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह संगठन ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन नए आयाम स्थापित कर रहा है।

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