new delhi : अगले हफ्ते से वैध पीयूसी के बिना वाहन चलाने वालों की खैर नहीं है दरअसल सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए 100 पेट्रोल पंपों पर पीयूसी जांच के लिए कैमरे लगाने व सॉफ्टवेयर इंस्टाॅल करने के लिए निजी कंपनी नवगति टेक को टेंडर आवंटित कर दिया है। कंपनी को 5 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। दिल्ली ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड ( डीटीआईडीसी ) के इसी टेंडर को विस्तार देकर बाकी के 400 पेट्रोल पंपों पर भी सॉफ्टवेयर इंस्टाॅल किए जाएंगे। बता दें कि इसी कंपनी ने चुनिंदा पेट्रोल पंपों पर पायलट प्रोजेक्ट भी किया था।
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नवगति टेक को 15 दिनों के अंदर कम से कम 25 पेट्रोल पंपों पर पीयूसी जांच के लिए सिस्टम तैयार कर देने को कहा गया है। उन्होंने दावा किया कि कुछ ही दिनों में 100 पेट्रोल पंपों पर पीयूसी जांच का सिस्टम लग जाएगा। जिसकी अनुमानित लागत 6 करोड़ रूपए है। पेट्रोल पंपों पर आने वाले वाहनों में वैध पीयूसी नहीं होने पर प्रदूषण जांच के लिए कुछ घंटों की मोहलत भी दी जाएगी और इस अवधि में पीयूसी नहीं बनवाने पर स्वत्: ई-चालान कट जाएगा और इसकी सूचना मोबाइल पर भेज दी जाएगी।
परिवहन विभाग के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के लगभग सभी पेट्रोल पंपों पर पहले से कैमरे लगे हुए हैं और निजी कंपनी को पेट्रोल पंपों पर सॉफ्टवेयर इंस्टाॅल करना है तथा परिवहन सेवा पोर्टल पर जोड़ना भर है। इससे पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप 25 पेट्रोल पंपों पर पीयूसी वैधता सत्यापन प्रणाली स्थापित की गई थी और इस दौरान करीब 24 प्रतिशत वाहन यहां पर वैध पीयूसीसी के बिना पाए गए थे। बता दें कि दिल्ली में 79 लाख से अधिक पंजीकृत वाहन हैं।
प्रौद्योगिकी स्थापित होने से चकमा नहीं दे पाएंगे: कैमरे नंबर प्लेट को स्कैन करके यह पता लगाएंगे कि वाहन के पास वैध पीयूसी है या नहीं। वाहनों का कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) और कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) जैसे विभिन्न प्रदूषकों के उत्सर्जन मानकों के लिए समय-समय पर परीक्षण किया जाता है, जिसके बाद उन्हें पीयूसी प्रमाणपत्र दिया जाता है। बहुत सारे लोग अपने वाहनों का इस्तेमाल स्थानीय स्तर पर करते हैं और पकड़े जाने से बचते हैं, लेकिन पेट्रोल पंपों में प्रौद्योगिकी स्थापित होने से चकमा नहीं दे पाएंगे।