छत्तीसगढ़ में इस बार मानसून ने रिकॉर्ड बना दिया है। 64 सालों में पहली बार मई महीने में मानसून ने दस्तक दी है। सामान्य 13 जून की तुलना में इस बार मानसून 16 दिन पहले आ गया। नौतपे के बीच हुई इस बारिश ने मई के सामान्य आंकड़े से लगभग 10 गुना अधिक पानी बरसाया है। प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मानसून 2025 ने प्रवेश कर लिया है, वही छत्तीसगढ़ मेभी 28 मई को दंतेवाड़ा जिले से जो सामान्य तिथि 8 जून से 12 दिन पहले है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार (IMD) ने मानसून के आगमन की पुष्टि करते हुए बताया कि यह इस बार महाराष्ट्र के रास्ते होते

वर्तमान में मानसून की उत्तरी सीमा मुंबई, अहिल्यानगर, आदिलाबाद, दंतेवाड़ा, रायगढ़ा, अगरतला और गोलपारा तक पहुँच चुकी है। विभाग के मुताबिक अगले 2 दिनों में यह छत्तीसगढ़ के और हिस्सों में भी फैल सकता है। इसी के चलते प्रदेश के छह जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसमें बस्तर संभाग और उसके आसपास के जिले शामिल हैं।
वही बता दें कि इस बार 10 जून तक मानसून के छत्तीसगढ़ पहुंचने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन 13 दिन पहले 28 मई को ही बस्तर पहुंच गया। इससे पहले साल 2024 में 8 जून को बस्तर में मानसून पहुंचा था।
मौसम विभाग ने छत्तीसगढ़ के सुकमा, बीजापुर, दक्षिण बस्तर दंतेवाडा, बस्तर, नारायणपुर, कोंडागांव, राजनांदगांव, रायपुर, बलौदाबाजार, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, दुर्ग, बेमेतरा, कबीरधाम और मुंगेली जिले में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
वहीं धमतरी, बालोद, गरियाबंद, महासमुंद, रायगढ़, कोरबा, जशपुर, गौरेला-पेंड्रा -मरवाही, सुरगुजा, सूरजपुर, कोरिया, बलरामपुर जिले के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।
प्रदेश में कहां कितनी हुई बारिश
सबसे अधिक वर्षा वाले स्थानों में राजपुर (8 सेमी), मालखरौदा (7), हसौद व कुरूद (5), खड़गांव, पुसौर (4), छोटेडोंगर, कोरबा, बिलाईगढ़ आदि में (3 सेमी) बारिश रिकॉर्ड की गई है। वहीं पूर्व में कोरबा जिले में बिजली गिरने से दो मौतें, जिनमें एक 8वीं का छात्र और एक महिला शामिल हैं।