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करवा चौथ के पहले करें ये तैयारियां: अगर करवा चौथ पर चांद न दिखे तो ऐसे करें पूजा? जानें उपाय

इस साल 2024 में 20 अक्टूबर रविवार को करवा चौथ का व्रत है. इस करवा चौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस दिन व्रती महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर पारण करती हैं.

चंद्रोदय समय –

करवा चौथ पर शाम 07 बजकर 54 मिनट पर चांद निकलेगा।

क्या चीजें मिलाएं-

शुद्ध जल में कच्चा दूध, गंगाजल, अक्षत, फूल आदि चीजें मिलाकर चंद्र देव को भाव अनुसार अर्घ्य दें। अर्घ्य देने के दौरान अर्घ्य मंत्र का उच्चारण करें।

करवा चौथ की पूजन सामग्री-


चंदन, शहद, धूप, माचिस, पुष्प (लाल और पीले), कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, शुद्ध जल, कुंकू, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर, हल्दी, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी की चौकी, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलवा, दक्षिणा (दान) के लिए पैसे, आदि।

करवा चौथ की पूजन विधि –


करवा चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। फिर सरगी ग्रहण करें। इसके बाद निर्जला व्रत का संकल्प लें। फिर भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर दिन की शुरुआत करें। मंदिर में शिव परिवार की विधिवत पूजा करें। उन्हें पुष्प, फल, मिठाई और मेवे आदि अर्पित करें। करवा चौथ की व्रत कथा का पाठ करें या सुनें। शाम के समय फिर से पूजा की तैयारी शुरू कर दें। एक पूजा थाली लें और उसमें फूल, फल, मिठाई, धूप-दीप, रोली आदि रखें।इसके पश्चात करवा लें और उसमें चावल भरकर उसे दक्षिणा के रूप में रख दें। चांद निकलने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें। फिर छन्नी में जलता हुआ दीपक रखें और चंद्र दर्शन करें। इसके बाद उसी छन्नी से अपने पति का मुख देखें। फिर पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत खोलें।

क्षमायाचना करें

पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमायाचना करें। घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें। फिर पूजन में उपयोग की गई शृंगार की सामग्री और करवा को सास या किसी सुहागिन स्त्री को दे दें और उनका भी आशीर्वाद लें। अंत में सात्विक भोजन ग्रहण करें।

आसमान में चांद दिखाई नहीं देता है. –

कई बार खराब मौसम के कारण आसमान में चांद दिखाई नहीं देता है. यदि इस साल करवा चौथ पर चांद दिखाई नहीं देगा तो आपका व्रत कैसे पूरा होगा? यह व्रती महिलाओं और उनके जीवनसाथी के लिए बड़ी चिंता का विषय हो सकता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बता रहे हैं कि करवा चौथ पर चांद न दिखे तो क्या कर सकते हैं? ऐसी स्थिति में व्रत को कैसे पूरा कर सकती हैं? करवा चौथ व्रत का पारण कैसे करेंगी?

करवा चौथ पर न दिखे चांद तो ऐसे करें पूजा और पारण-

यदि इस साल करवा चौथ की रात आपकी छत पर चांद दिखाई नहीं देता है तो आप कुछ आसान ज्योतिष उपाय कर सकती हैं. करवा चौथ की रात पास के किसी शिव मंदिर में जाएं, जहां पर भगवान शिव के माथे पर चंद्रमा स्पष्ट रूप से दिखता हो. भगवान शिव के माथे को चंद्रमा सदैव सुशोभित करता रहता है. आप चंद्रोदय समय के बाद मंदिर में जाकर शिव जी के माथे पर लगे चंद्रमा को अर्घ्य देकर करवा चौथ का पारण करके व्रत को पूरा कर सकती हैं.

करवा चौथ पर चांद न दिखे तो दूसरा उपाय भी है. ज्योतिषशास्त्र में चंद्रमा का शुभ रत्न चांदी है. चंद्रोदय के समय के बाद आप चांदी का एक सिक्का या फिर चांदी का एक गोल टुकड़ा ले लें. उसे चंद्रमा का प्रतिरूप मानकर उसकी पूजा करें. उसे चंद्रमा मानकर करवा चौथ का अर्घ्य दें. फिर पारण करके व्रत को पूरा कर लें.

करवा चौथ पर क्यों करते हैं चंद्रमा की पूजा-


पौराणिक कथा के अनुसार, चंद्रमा को दक्ष प्रजापति ने क्षय रोग का श्राप दिया था. इसकी वजह से वे अपनी कांति खोते जा रहे थे और जीवन पर संकट के बादल मंडरा रहे थे, तब उन्होंने शिव जी की पूजा की. भगवान भोलेनाथ की कृपा से उनके सभी दोष और पाप मिट गए. उनको जीवनदान प्राप्त हुआ और आयु में वृद्धि हो गई. इस वजह से विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा करती हैं और अर्घ्य देती हैं.

करवा चौथ के ​दिन वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी का व्रत होता है. भगवान गणेश जी ने चंद्रमा को तेजहीन होने का श्राप दे दिया था क्योंकि उन्होंने गणपति बप्पा के रंग और रूप को लेकर उपहास किया था. बाद में क्षमा मांगने पर गणेश जी ने कहा कि शुक्ल पक्ष में 15 दिन चंद्रमा का तेज बढ़ेगा और कृष्ण पक्ष के 15 दिनों में घटेगा. गणेश जी ने चंद्रमा को आशीर्वाद दिया कि संकष्टी चतुर्थी पर बिना चंद्रमा की पूजा के व्रत पूर्ण नहीं होगा.

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