रायपुर; सरकार अपनी नाकामी छिपाने विरोध प्रदर्शन रोकना चाह रही है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ आक्रोश है, विभिन्न कर्मचारी संगठन धरना प्रदर्शन कर रहे इससे घबराई सरकार अलोकतांत्रिक हथकंडे अपना रही। सरकार ने आंदोलनो के लिये नया गाइडलाइन जारी किया है। धरना प्रदर्शन के लिए अब 4 विभागों से अनुमति लेनी होगी। यह सरकार की तानाशाही है। धरना प्रदर्शन के लिए 4 विभागों की एनओसी लेने की अनिवार्यता का कांग्रेस विरोध करती है। शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन हर नागरिक दल और संगठन का लोकतांत्रिक अधिकार है। सरकार अपने खिलाफ उठने वाली आवाज का दमन करना चाहती है। वह नहीं चाहती की उसके कुशासन के खिलाफ कोई विरोध करे। इसलिए नये नियम बनाकर विरोध को दबाना चाह रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पौने दो साल में कोई सरकार इतना अलोकप्रिय हो सकती है तो इसका उदाहरण छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार है। सरकार से आम आदमी, सरकारी कर्मचारी भाजपा कार्यकर्ता सभी असंतुष्ट है। भाजपा की सरकार बनने के बाद धरना स्थल कभी खाली नहीं रहता था। रोजगार सहायक, पटवारी, रसोईया, सफाई कर्मचारी, एनएचएम कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिने, शिक्षक संघ, अनियमित कर्मचारी सभी सरकार के खिलाफ आंदोलन कर चुके है। इन आंदोलनो से सरकार घबरा गई है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पिछले पौने दो साल में भाजपा सरकार के खिलाफ जनता स्फूर्त सड़कों पर उतरकर हिंसक प्रदर्शन कर चुकी है। बलौदा बाजार में एसपी कलेक्टर कार्यालय जला दिया गया। बलरामपुर में जनता ने एसडीएम को दौड़ा लिया था, लोहारीडीह, कवर्धा में लोगो ने पुलिस के रवैये से खिन्न हो कर आरोपी को जिंदा जला दिया, भिलाई में भी एक आरोपी के खिलाफ यही हालात बने। जनता का सरकार पर से भरोसा उठ गया है। जनता सरकार के विरोध में सड़को पर उतर रही है। यह किसी भी निर्वाचित सरकार की अलोकप्रियता का सबसे बड़ा प्रमाण है। अपने खिलाफ हो रहे आंदोलनों से घबराई सरकार आंदोलनों पर ही प्रतिबंध लगाना चाह रही है।