जीवन में व्यक्ति का कार्य ऐसा होना चाहिए कि उसके चले जाने के बाद भी लोग उसे याद करें। यह बातें भागवताचार्य दिनेश दुबे महाराज ने राम मंदिर परिसर, माझाखोल, पिहरीद में आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ में श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपने जीवन में हमेशा वक्त का सम्मान करना चाहिए। वक्त को जिसने समझा नहीं, उसको मिटाना ही पड़ा है। बच गया गर तलवारों से, तो उसे फूलों से कटना ही पड़ा है।
क्यों न कितनी कठिन हो, क्यों न कितनी जटिल हो। हर नदी की राह से चट्टान को हटना ही पड़ा है।। महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त महाराज के विशेष आग्रह पर श्रोताओं को विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत जी ने भी संबोधित किया और कहा कि- हम जैसे प्राणियों को इस तरह के आध्यात्मिक मंच पर बोलने में बहुत ही संकोच होता है, किंतु महाराज जी का आदेश है इसलिए अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि -आपके पिताजी और हमारे पिताजी तथा पंडित ज्वाला प्रसाद द्विवेदी जी की बातें स्मरण करके आंखें नम हो जाती है, गला भर जाता है। इस संसार से भगवान रामचंद्र चले गए, भगवान कृष्ण चंद्र जी चले गए। हम सबको भी एक न एक दिन जाना ही है।
कबीर साहब ने कहा है कि- कबीरा जब हम पैदा हुए, जग हांसे हम रोय। ऐसी करनी कर चलो, हम हंसे जग रोए।। कार्यक्रम में विशेष रूप से रायपुर से अजय तिवारी, सुरेश शुक्ला एवं उनके साथी तथा डॉक्टर ममता साहू, गुलजार सिंह, नागेंद्र राय, रश्मि गबेल, गिरधर जायसवाल, निरंजन लाल अग्रवाल, मोहन मनी जाटवर, कमलेश सिंह, सुशांत सिंह, सुखराम दास , बंटी धनगल, अवधेश सिंह,महेश्वर दास , मनोज मित्तल, हर प्रसाद साहू, बजरंग शर्मा, ज्ञानेश शर्मा, जगदीश यादव, रामखिलावन तिवारी, गोपाल शर्मा, बांके बिहारी त्रिवेदी, गजेंद्र चंद्रा, श्याम सुंदर तिवारी, राधेश्याम सोनी,खोमी सोनी, संजय शर्मा, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव, हर्ष दुबे सहित अनेक गणमान्य नगरीक गण सम्मिलित हुए।