छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास महाराज ने जिला बलौदा बाजार- भाटापारा के लवन तहसील अंतर्गत स्थित ग्राम मरदा पहुंचकर डेढ़ दर्जन से अधिक बेजुबानों की मौत का संज्ञान लिया। उन्होंने ग्राम वासियों से भेंट मुलाकात की और वस्तु स्थिति की जानकारी से अवगत हुए, लोगों से बारी-बारी से पूछा की घटना का मूल कारण क्या है? लोगों की बातों को ध्यान से सुनने के पश्चात उन्होंने इस घटनाक्रम को बेहद दुर्भाग्य जनक बताते हुए कहा कि- हरेली त्यौहार के मौसम में छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में इस तरह की घटना का होना बहुत ही दु:खद है। गौ माताओं ने तड़प- तड़प कर अपनी जान दी है, यह बहुत ही पीड़ा दायक है। राज्य में इस तरह की घटनाओं की कोई पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी से आग्रह किया है कि- प्रत्येक जिले में कम से कम एक गौ अभयारण्य का निर्माण सुनिश्चित करें ताकि इस तरह की कोई भी घटना भविष्य में घटित ना हो। गौ अभयारण्य के बन जाने से गांवों तथा शहरों में विचरण करने वाले गौ वंशियों को उनके रहने का एक निश्चित ठिकाना मिल जाएगा इससे न केवल उनका संरक्षण होगा बल्कि आए दिन सड़कों में हो रहे दुर्घटनाओं से जनधन की हानि में कमी आएगी तथा गौ वंशियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उल्लेखनीय है कि ग्राम मरदा मे में एक छोटे से भवन के कमरे में डेढ़ दर्जन से अधिक गौ वंशियों को ठूंस- ठूंस कर भर दिया गया था जिनकी मृत्यु के पश्चात सड़ांध की दुर्गंध से ग्राम वासी अवगत हुए ऐसा ग्रामवासियों का कहना है। राजेश्री महन्त जी ने जब ग्राम वासियों से भेंट मुलाकात की उस समय लगभग 50 से अधिक लोग उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री से किया आग्रह प्रत्येक जिले में कम से कम एक गौ अभ्यारण निश्चित रूप से बनाएं
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