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कांग्रेस सरकार में हुए भीषण भ्रष्टाचार का असर यह है हमारे आदिवासी भाई फांसी पर झूलकर आत्म हत्या करने को विवश हो रहे है – विकास मरकाम

रायपुर। बालोद ज़िले के डोंडी के ग्राम घोटिया में शिक्षक दिवस के दिन प्रधान पाठक देवेंद्र कुमार कुमेटी ने विगत दिनों आत्महत्या कर लिया।

आत्महत्या मामले में मिले सुसाइड नोट को पुलिस ने सार्वजनिक किया है। सुसाइड नोट में आदिवासी शिक्षक देवेंद्र कुमेटी ने पूर्व वनमंत्री मोहमद अकबर, हिरेन्द्र नेताम, सलीम खान, प्रदीप ठाकुर पर नौकरी के नाम पर पैसा लेने का आरोप लगाया है। इस मामले को लेकर आदिवासी समाज के लोगो में कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के प्रति गहरा आक्रोश परिव्याप्त हो रहा है।

मरकाम ने कहा कि जिन लोगों ने वन विभाग मे फॉरेस्ट गार्ड की नौकरी देने के नाम पर लोगो से बड़ी-बड़ी रकम ठगी है, प्रपंच किया है उसका शिकार आज आदिवासी समाज के सरलमना लोग हो रहे है !

विदित हो कि कांग्रेस शासन मे फॉरेस्ट गार्ड की नौकरी मे ढ़ेर सारी धांधली व भ्रष्टाचार का आरोप लग चुका है ! सैकड़ो लोगो का कहना है कि छतीसगढ़ राज्य के अनेक भोले-भाले बेरोजगार व गरीब लोग अनेक लोगो से ब्याज मे कर्जा लेकर या अपना सोना-चांदी के जेवर व खेती किसानी की जमीन बेचकर नौकरी पाने के नाम पर बर्बाद हो गए है और आज आलम यह है आए दिन कोई न कोई अपनी अनमोल जान को गंवा रहा है !

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से विधानसभा चुनाव लड़े आदिवासी नेता मलेश मरकाम ने कहा है कि पुलिस के जाँच के दौरान आदिवासी समाज के शिक्षक के सुसाइड नोट में कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के नाम का उल्लेख होना बताता है कि किस प्रकार आदिवासी समाज के लोगों को भ्रष्टाचार की दलदल मे धकेला गया । नौकरी देने के नाम का प्रलोभन देकर उनसे व उनके परिचितों से बड़ी रकम जालसाजी करके वसूली गयी जिसका नतीजा आज इतना भयावह व पीड़ादायक हो रहा है ।


कांग्रेस सरकार पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर पर निशाना साधते हूए आदिवासी नेता विदेशीराम ध्रुवे ने कहा कि कांग्रेस सरकार में पटवारी, शिक्षक, सचिव से लेकर उच्च अधिकारियों पर भीषण दबाव डालकर गलत काम कराए गये थे जिसके परिणाम आज जनता भुगत रही है ।

भाजपा के आदिवासी नेता मंगलू परते का कहना है कि कांग्रेस सरकार में मंत्री से लेकर कार्यकर्ता तक भ्रष्टाचार केअनैतिक खेल मे सम्मिलित थे आज उसी अनैतिकता का सर्वाधिक असर आदिवासी समाज का एक बड़ा तबका भोग रहा है । इन्ही अनैतिक कृत्यों के एक परिणाम के चलते डोंडी के एक सरल सहज आदिवासी शिक्षक ने बेबस व लाचार होकर आत्महत्या कर लिया और अपने आत्महत्या का जिम्मेवार जिन लोगो को बनाया है उनमे एक नाम पूर्व मंत्री मो अकबर को है ! मो अकबर ने इस प्रकरण पर कहा कि मै इनमे से किसी को भी नही जानता और मेरा इसमे लेना-देना नही है ।

गौरतलब है कि शिक्षक दिवस के दिन एक शिक्षक का फांसी के फंदे पर झूलकर कर आत्महत्या के इस दुर्भाग्यपूर्ण मामले ने राज्य के शिक्षक जगत व आदिवासी तथा सभ्य समाज मे दुख का वातावरण बना दिया है

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