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साझा ज्ञान और अनुभव हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं- डॉ विवेक देवांगन

BEMETARA NEWS | आज नगर के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान निःशुल्क कोचिंग श्रीराम एकेडमी बेमेतरा में शिक्षा विभाग तथा उच्च शिक्षा विभाग एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के रणनीति के सम्बन्ध में विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य प्रवक्ता के रूप में डॉ विवेक देवांगन जी, डॉ टिकेंद्र वर्मा , डाॅ. स्वाति चन्द्रवंशी, वाई.डी साहू सर उपस्थित थे।

उपस्थित अभ्यर्थियों को सम्बोधित करते हुए डाॅ. टिकेंद्र वर्मा ने पीएचडी जैसे गम्भीर विषय को विश्लेषणात्मक करते हुए विस्तार पूर्वक बतलाया की आज पीएचडी डिग्री की कितनी आवश्यकता है तथा इनको इस प्रकार प्राप्त किया जा सकता है क्रमानुसार सभी प्रक्रियाओं को अभ्यर्थियों के बीच रखा इस बीच उपस्थित अभ्यर्थियों को उन्होंने स्वंय के संघर्षपूर्ण जीवन के विषय के बारे में चर्चा किया और बतलाया की सफलता एक बहुत लम्बी सीढ़ी है जिसके लिए अनेक असफलताओं को स्वीकार करते हुए धैर्य बनाकर चलना चाहिए ताकि एक दिन सकारात्मक परिणाम हमें प्राप्त हो ।

डाॅ. विवेक देवांगन ने आज के परिपेक्ष्य में यूजीसी नेट और सेंट की प्रासंगिकता और उच्च शिक्षा में आवश्यकता को रेखांकित करते हुए बतलाया कि कैसे हम दोनों परीक्षाओ की तैयारी एक साथ तैयारी करके अपने जीवन को एक नई मोड़ दे सकते हैं हम सभी में सफलता प्राप्त करने की आपार सम्भावनाएं होती है बस हमें सही दिशा में एकाग्रता के साथ अपने लक्ष्य के लिए अग्रसर होने की आवश्यकता है सफलता अपने बाहों को फैलाएं किसी न किसी मोड़ पर बिल्कुल तैयार मिलेगा ।

इसी परिप्रेक्ष्य में डाॅ. स्वाति चन्द्रवंशी ने बतलाया की मैं स्वंय बेमेतरा जिले की निवासी हूं और जब इस क्षेत्र में मैं स्वंय चयनित हो सकती हूं तो आप क्यों नहीं बस आवश्यकता है दृढनिश्चय और इच्छाशक्ति यदि किसी भी पद को हासिल करने के लिए आप लगातार प्रयास करते हैं तब पूरी कयानात उसे हमें मिलाने में लगा देती है और जब एक बार हम किसी पद पर चयन हो जाते हैं तब हमारी जीवनशैली पद-प्रतिष्ठा में अभूतपूर्व परिवर्तन होती है अतः उस दिन को प्राप्त करने के लिए अभी जीवन में सकारात्मक परिणाम के लिए निरन्तर परिश्रम करने की आवश्यकता है।

अंत में वाई.डी साहू जी ने उपस्थित अभ्यर्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने में इस प्रकार के सेमिनार बेहद अहम भूमिका निभाने का कार्य करता है क्योंकि जब हम अध्ययन करते हैं तब यह बतलाया जाता है कि हमें सफलता प्राप्त करने के लिए क्या करना है किन्तु हमे सेमिनार में सफलता प्राप्त करने में कौन से गलतियां हावी हो सकता है और इनसे हम अपने आप को कैसे बचाकर अपने जीवन में उन गलतियों को दोबारा दोहराने से बच सकते हैं अतः इस प्रकार के सेमिनार में हमें सदैव भाग लेना चाहिए निश्चय ही यहाॅं सदैव एक नया सीख सीखने को मिलता है जोकि हमारी सफलता की सम्भावना को और बढ़ा देती है।

उपरोक्त सेमिनार में अभ्यर्थी बेहद उत्साहित दिखे और आंखों और रगो में एक नई उत्साह, लगन, और इच्छाशक्ति देखने को मिला जिससे उक्त सेमिनार में हर्ष उल्लास तथा जुनुन से भरा प्रतीत हो रहा था।
उपरोक्त सेमिनार का संचालन मनीष वर्मा जी के द्वारा किया गया उक्त सेमिनार में श्रीमति पम्मी साहू मैम, मनीष वर्मा, मोहित निषाद, गोपी निषाद, मुस्कान वर्मा सहित सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी उपस्थित थे

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