New Delhi: Central Bureau of Investigation ने नीट-यूजी परीक्षा के पेपर लीक होने के मामले में तीसरा आरोप पत्र दाखिल किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। पटना की विशेष सीबीआई अदालत में दाखिल आरोप पत्र में सीबीआई ने 21 लोगों को आरोपी बनाया है।
वही एजेंसी ने आरोप लगाया है कि 5 मई की सुबह हजारीबाग के ओएसिस स्कूल में नीट-यूजी 2024 के प्रश्नपत्रों से भरे ट्रंक पहुंचाए गए और उन्हें कंट्रोल रूम में रख दिया गया। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि ट्रंक पहुंचने के तुरंत बाद प्रिंसिपल अहसानुल हक और वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम ने मास्टरमाइंड पंकज कुमार को कंट्रोल रूम में जाने दिया, जहां ट्रंक रखे गए थे।
हक और आलम के खिलाफ पहले ही इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। जांच एजेंसी ने कहा कि जमशेदपुर में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 2017 बैच के सिविल इंजीनियर कुमार ने ट्रंक खोलने और प्रश्नपत्र निकालने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया। सीबीआई ने कमरे से सीसीटीवी फुटेज के साथ-साथ इन उपकरणों को भी जब्त कर लिया है। परीक्षा की सुबह, एम्स पटना, रिम्स रांची और भरतपुर के एक मेडिकल कॉलेज के सात एमबीबीएस छात्रों के एक समूह ने हजारीबाग में पेपर हल किया। एजेंसी ने तब से इन कथित सॉल्वरों को गिरफ्तार कर लिया है।
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा था, “सॉल्व किए गए पेपर को चुनिंदा छात्रों के साथ साझा किया गया था, जिन्होंने आरोपियों को पैसे दिए थे। अधिकांश सॉल्वरों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें साजिश के तहत विशेष रूप से हजारीबाग लाया गया था।” जांच में गिरोह के अन्य सदस्यों की भी पहचान की गई है, जिन्होंने कुमार की सहायता की थी, और कई गिरफ्तारियां की गई हैं। सीबीआई ने एक बयान में कहा था, “इस समूह को ऐसे व्यक्तियों द्वारा समर्थन दिया गया था, जिन्होंने उम्मीदवारों के लिए आवास उपलब्ध कराया था, जबकि अन्य ने उनके परिवहन की सुविधा प्रदान की थी। हल किए गए प्रश्नपत्र तक पहुंचने वाले उम्मीदवारों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।”