यज्ञ का सनातन धर्म में बहुत महत्व है,भगवान विष्णु स्वयं यज्ञ से प्रकट हुए। उन्होंने प्रथम कार्य यज्ञ की रक्षा के लिए किया। यज्ञ जोड़ने का कार्य करता है। राम जी ने अपनी पहली यात्रा से गुरु विश्वामित्र और वशिष्ठ जी को जोड़ा। यह बातें अवधपुरी धाम से पधारे हुए अनंत विभूषित स्वामी रत्नेश प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने दूधाधारी मठ महोत्सव के चतुर्थ दिवस श्रोताओं को बाल्मीकि रामायण की कथा का रसपान कराते हुए अभिव्यक्त किया। उन्होंने कहा कि- मनुष्य को न केवल विधि-वादी होना चाहिए बल्कि पुरुषार्थवादी भी होना चाहिए कारण कि विधि और पुरुषार्थवादी समन्वय से ही जीवन आसान होगा। राम जी विषयी, साधक और सिद्ध सभी के जीवन में पहुंचे। उन्होंने इन तीनों को मोक्ष प्रदान किया। सिद्धों के यहां भगवान स्वयं चले आते हैं। मिथिला में किसी ने उन्हें बुलाया नहीं वहां माता सीता प्रकट हुई वह भक्ति स्वरूप है। तात्पर्य यह कि जहां भक्ति प्रकट होती है वहां राघव स्वयं चले आते हैं।
मिथिला प्रेम की भूमि है। जब तक मनुष्य की बुद्धि में जड़ता विद्यमान है वह प्रेम की भूमि में नहीं पहुंच सकता। भोग प्रवृत्ति से जीवन में जड़ता उत्पन्न होती है। आचार्य के पीछे-पीछे गमन करने से भक्ति सुलभ हो जाती है, भगवान राम और लक्ष्मण ने आचार्य विश्वामित्र के पीछे-पीछे अनुगमन किया इसलिए भक्ति स्वयं प्रकट हो गई। उन्होंने कहा कि नास्तिक उसे नहीं कहते जो ईश्वर को नहीं मानता बल्कि नास्तिक उसे कहते हैं जो वेदों को नहीं मानता। यदि अयोध्या मस्तक है तो मिथिला उस मस्तक पर लगने वाले तिलक के समान हैं। संत के पास कितनी वस्तु लेकर जा रहे हो यह महत्वपूर्ण नहीं है मन में कितनी श्रद्धा है यही महत्वपूर्ण है। किसको कहां प्रस्तुत किया जाए महात्माओं से अधिक कोई नहीं जानता। वर्तमान सामाजिक स्थिति पर चिंतन प्रस्तुत करते हुए आचार्य जी ने कहा कि- जिस घर में माता-पिता आपस में लड़ते -झगड़ते हैं उस घर में सबसे ज्यादा दु:ख बच्चों को होता हैं।
बच्चों के जीवन पर इसका बहुत ही विपरीत असर होता है। चतुर्थ दिवस राम कथा का रसपान करने के लिए हमेशा की तरह मंच पर महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज विराजित थे। इनके अलावा पूर्व कुलपति डॉक्टर हर्षवर्धन तिवारी, पूर्व शिक्षा मंत्री प्रेम साय टेकाम, भारती बंधु, श्री दूधाधारी मठ ट्रस्ट कमेटी के सदस्य विजय पाली, राजेश अग्रवाल, विनोद मंगल अग्रवाल, रामकृष्ण पाली, अजय तिवारी, महेंद्र अग्रवाल, मुख्तियार राम छवि दास, तोय निधि वैष्णव, पूर्व डिप्टी कलेक्टर बीआर साहू, डॉ ममता साहू, थाना प्रभारी श्रीमती मीना चौधरी,सहित अनेक गणमान्य नागरिक गण सम्मिलित हुए।