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ICAR-NIBSM वैज्ञानिकों द्वारा कृषक संपर्क कार्यक्रम आयोजित

CG NEWS : RAIPUR | विकसित कृषि संकल्प अभियान (Developed Agriculture Resolve Campaign) के अंतर्गत, ICAR–राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान (ICAR-NIBSM), रायपुर के वैज्ञानिकों ने छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों – विशेष रूप से रायपुर और दुर्ग – में प्रभावशाली क्षेत्रीय भ्रमण एवं कृषक संपर्क कार्यक्रम आयोजित किए।

ICAR-NIBSM के निदेशक डॉ. पी. के. राय के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में डॉ. सौम्या डैश और डॉ. पी. मूवन्थन की टीम ने किसानों के साथ कृषि चौपालों, फील्ड डेमोंस्ट्रेशन और जागरूकता शिविरों के माध्यम से संवाद स्थापित किया। इस पहल का उद्देश्य किसानों को लाभकारी, जलवायु सहनशील और सतत कृषि के लिए वैज्ञानिक समाधान प्रदान करना था।

क्षेत्र भ्रमण मुख्य बिंदु – आरंग ब्लॉक, जिला रायपुर
अंतर्गत ग्राम: अमोदी एवं चिखली
कुल सहभागी किसान: 48

किसानों द्वारा प्रमुख समस्याएं व्यक्त की गईं:
बिष्णु भोग धान किस्म के बीजों का अंकुरण कमजोर।

खेतों में मिट्टी का सख्त होना जिससे उत्पादकता प्रभावित।

गोबर की खाद की उपलब्धता न होना।

वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन की सुविधाओं का अभाव।

प्रमुख विषय और हस्तक्षेप जिन पर चर्चा की गई:
गो कृपा अमृतम का प्रदर्शन: फसल अवशेष और सब्जी उत्पादन के लिए जैविक अपघटक, जो पराली जलाने के हानिकारक प्रभाव को कम करता है।

संतुलित उर्वरक उपयोग: पोषक तत्वों का समुचित प्रयोग कर फसल स्वास्थ्य में सुधार।

जैव कीटनाशकों का उपयोग: नीम, धतूरा एवं सीताफल के पत्तों से बने पर्यावरण अनुकूल कीटनाशकों की जानकारी।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की जानकारी: योजना के लाभ और पंजीकरण प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा।

एकीकृत एवं विविधीकृत कृषि प्रणाली: आय के विभिन्न स्रोतों के महत्व को बताया गया।

जैविक और प्राकृतिक खेती: रासायन मुक्त सतत खेती की विधियों पर प्रशिक्षण।

बीज शोधन तकनीक: 17% नमक घोल एवं फफूंदनाशकों द्वारा बीज उपचार की प्रक्रिया।

मृदा स्वास्थ्य सुधार: मृदा परीक्षण, जिप्सम एवं जिंक सल्फेट के प्रयोग से मृदा पीएच संतुलन।

वर्मी कम्पोस्ट निर्माण: स्थानीय संसाधनों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट पुनः प्रारंभ करने हेतु मार्गदर्शन।

पशुपालन सुधार:

नस्ल सुधार हेतु कृत्रिम गर्भाधान।

पशुओं हेतु हरे चारे की खेती।

पशु एवं मुर्गियों का समय पर टीकाकरण।

खनिज मिश्रण का आहार में समावेश।

मशरूम उत्पादन: कम लागत में अधिक लाभ देने वाली कृषि गतिविधि की जानकारी।

सरकारी योजनाओं की जानकारी: फसल, बागवानी और पशुपालन से संबंधित योजनाओं की विस्तृत जानकारी।

सुविधा संबंधित योजनाएं: एकीकृत बाड़बंदी एवं पशु शेड निर्माण योजना की जानकारी।

डिजिटल खेती उपकरण: ई-गोपालन और कड़कनाथ बैकयार्ड पोल्ट्री जैसे मोबाइल ऐप्स का प्रदर्शन।

यह जनसंपर्क कार्यक्रम ICAR-NIBSM द्वारा कृषि अनुसंधान को खेत तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है, जिससे छत्तीसगढ़ के किसान व्यावहारिक जानकारी और तकनीकी उपकरणों से सुसज्जित होकर एक समृद्ध कृषि भविष्य की ओर अग्रसर हो सकें।

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