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गुरु घासीदास की शोभायात्रा में उमडा जनसैलाब; जय- जय सतनाम से गूंजी राजधानी…

रायपुर/छ.ग.की पावन धरा में अवतरित महान संत बाबा गुरु घासीदास जी की 268 वी. जयंती की पूर्व संध्या पर राजधानी में सोमवार को परंपरानुसार सतनामी समाज के लोगों ने “सात श्वेत ध्वजवाहक संतो” की अगुवाई में शोभायात्रा निकाली जिसमें “18 दिसम्बर अमर रहे” “जय- जय सतनाम” की जयघोष करते हजारों की संख्या में समाजजन सपरिवार शामिल हुए। आयोजन समिति संरक्षक शकुन डहरिया,अध्यक्ष के.पी. खण्डे एवं प्रवक्ता चेतन चंदेल ने बताया कि आमापारा प्लाजा के अंदर स्थापित जैतखाम की सामूहिक पूजा अर्चना पश्चात सफेद झंडा धारण किए हुए सात संतों की अगुवाई में संध्या 04 बजे शोभायात्रा प्रारंभ हुई उसके पीछे हजारों लोगों का जनसैलाब था जिनका रास्ते भर विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए पदाधिकारियो द्वारा जोरदार स्वागत किया गया।

झाकियों में दिखी गुरु की महिमा

विभिन्न छोटे-बड़े वाहनों में गुरु घासीदास जी के छायाचित्रों तथा जैतखाम के मॉडल को सुसज्जित कर उसमें मनखे-मनखे एक समान.. जीव हत्या पाप है.. नशापान,चोरी व हिंसा मत करो.. पर स्त्री को माता मानो…. जैसे गुरु के अनेकों अमृतवाणियों को चित्रित किया गया था।वही प्रतिमायुक्त चलित झांकियो में जीव हत्या नहीं करने का प्रसंग विशेष रूप से दिखाया गया था।

पंथी में जमकर हुई मनमोहक नृत्य

पंथी दलों की अलग-अलग टोलियां पारंपरिक मादरबाजे की थाप पर तेज गति से नृत्य करते हुए सबको थिरकने मजबूर कर रहे थे जिसे देखकर महिलाएं, युवा व बच्चों के साथ बुजुर्गों ने भी अपने आप को रोक नहीं पाए और सामूहिक गोल घेरा बनाकर रास्ते भर जमकर नाचे। इस दौरान पंथी दलों के लोग पिरामिड बनाकर अपनी कलाबाजियों का शानदार प्रदर्शन किया।

अखाड़ा दलों का शौर्य प्रदर्शन

बीरगांव ,अछोली आदि ग्रामीण क्षेत्रो से आए अखाड़ा दलों में शामिल युवतियों व बच्चों ने शौर्य का प्रदर्शन करते हुए आत्म सुरक्षा हेतु लाठी भाजना, चक्र घुमाना, मुंह से आग के गोले छोड़ना जैसे अनेकों हुनर दिखाकर रोमांचित किया।

बलौदाबाजार कांड के बेगुनाहों को रिहाई करने मांग उठी

शोभायात्रा के दौरान सतनामी समाज के लोगों ने एक स्वर में बलौदाबाजार अग्निकांड में पिछले 6 महीने से भी अधिक समय से प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद सतनामी समाज के बेगुनाहों को निःशर्त रिहाई करने की पुरजोर मांग उठाई।

सर्वश्रेष्ठ झाकियां हुई सम्मानित

शोभायात्रा का समापन स्थल गुरु घासीदास चौक (नगर घड़ी) पहुंचने पर मुख्य मंच में सभी सात संतों की पूजा अर्चना कर गुरुजी की वंदना की गई तत्पश्चात शोभायात्रा में शामिल झांकियो को विशेष प्रतीक चिन्ह (शील्ड), साल व श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया। अंत में सतनामी समाज के वरिष्ठजनों ने 18 दिसंबर की बधाई देते हुए प्रदेशवासियों के लिए सुख, समृद्धि की कामना की।

शोभायात्रा में संरक्षक शकुन डहरिया,अध्यक्ष के.पी.खण्डे, डॉ.जे.आर. सोनी ,सुंदरलाल लहरे,डी.एस. पात्रे, सुंदरलाल जोगी ,आर.पी.भतपहरी ,चेतन चंदेल, विनोद भारती, कमल कुर्रे, डा.लक्ष्मण भारती, खेदु बंजारे, पं. अंजोर दास बंजारे, कपिल भारद्वाज, प्रकाश बंदे, टिकेंद्र बघेल ,कृपाराम चतुर्वेदी ,लाला पुरेना, मानसिंह गिलहरे, आसाराम लहरे, तुलाराम टंडन, संतोष महिंलाग ,मनीष कोसरिया, अरुण मंडल, घासीदास कोसले, सुखनंदन बंजारे,नंदू मारकंडे..
महिलाओं में चंपादेवी गेंदले, सीमा सोनी, गिरिजा पाटले, उमा भतपहरी, अनीता गुरपंच, सुशीला सोनवानी, ममता कुर्रे, दुर्गा गेदले, धनेश्वरी डांडे, अनीता भतपहरी, दुलारी चतुर्वेदानी सहित हजारों लोग उपस्थित थे।

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