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सामूहिक दफन और यौन शोषण से संबंधित मामला लिया सनसनीखेज मोड़; घटनास्थल संख्या 11 से संदिग्ध मानव अवशेष बरामद

religious place । नेत्रावती नदी के किनारे चल रहे उत्खनन अभियान के छठे दिन जांच अधिकारियों को एक और बड़ा सुराग हाथ लगा है बता दे की कर्नाटक के धर्मस्थल से जुड़ा सामूहिक दफन और यौन शोषण से संबंधित मामला लगातार सनसनीखेज मोड़ ले रहा है। । घटनास्थल संख्या 11 से संदिग्ध मानव अवशेष बरामद किए गए हैं, जिससे इस मामले की गंभीरता और जटिलता और बढ़ गई है। सूत्रों के अनुसार, जांच टीम को खुदाई के दौरान हड्डी जैसे अवशेष मिले हैं।

हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह अभी फॉरेंसिक जांच का विषय है और बिना वैज्ञानिक पुष्टि के यह नहीं कहा जा सकता कि यह वास्तव में मानव अवशेष हैं या नहीं। घटनास्थल पर मौजूद एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम इस बरामदगी की पुष्टि कर रहे हैं।

लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही की जाएगी।” इससे पहले भी एसआईटी (विशेष जांच दल) को घटनास्थल संख्या 6 से नरकंकाल मिलने की पुष्टि हुई थी। अब नए अवशेषों की बरामदगी से आशंका है कि धर्मस्थल में सामूहिक दफन की घटनाएं कहीं अधिक व्यापक और संगठित हो सकती हैं, जितना अभी तक सामने आया है धमकी और जबरन बयान बदलवाने के आरोप जांच के बीच अब एक नया विवाद भी सामने आया है। मुखबिर के वकील ने एक एसआईटी अधिकारी मंजूनाथ गौड़ा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वकील का दावा है कि 1 अगस्त की रात बेलथांगडी स्थित एसआईटी कैंप में अधिकारी ने उनके मुवक्किल को धमकाया और बयान बदलने और वीडियो में दर्ज शिकायत वापस लेने का दबाव डाला। वकील की शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि अगर मुखबिर ने ऐसा नहीं किया, तो उसे गिरफ्तार करने की चेतावनी दी गई थी। इस आरोप के बाद एसआईटी ने सफाई जारी करते हुए कहा है कि “आरोपों की गंभीरता से जांच की जा रही है और आवश्यक होने पर इस पर आधिकारिक बयान भी जारी किया जाएगा।”

सनसनीखेज दावा: दो दशकों तक अवैध दफन, यौन शोषण इस पूरे मामले की शुरुआत एक पूर्व सफाई कर्मचारी द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान से हुई थी। उसने दावा किया था कि साल 1995 से 2014 के बीच उसे और अन्य सफाईकर्मियों को महिलाओं और नाबालिगों के शव दफनाने के लिए मजबूर किया गया। उसने यहां तक कहा कि कई शवों पर यौन शोषण के स्पष्ट निशान थे और उन्हें बिना अंतिम संस्कार के गुप्त रूप से दबा दिया जाता था। इस बयान के बाद ही राज्य सरकार ने एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया था।

टीम ने अब तक कई स्थानों पर खुदाई की है और दर्जनों स्थानों को संदेहास्पद पाया है, जिनकी वैज्ञानिक पद्धति से जांच की जा रही है।एक और गवाह सामने आया, नए दफन स्थलों की पहचान संभव शनिवार को इस मामले में जयंत टी नामक व्यक्ति ने बेलथांगडी में एसआईटी के समक्ष पेश होकर नया बयान दर्ज कराया। उसने दावा किया कि वह धर्मस्थल क्षेत्र में कई बार अवैध दफन क्रियाओं का प्रत्यक्षदर्शी रहा है। जयंत ने यह भी बताया कि उसने खुद कई बार कुछ लोगों को गुप्त रूप से रात के समय शव दफनाते हुए देखा है। उसके इस बयान से एसआईटी को नए संदिग्ध स्थलों की पहचान में मदद मिल सकती है। सरकार गंभीर, जांच की निगरानी उच्च स्तर पर धर्मस्थल मामला अब न केवल कर्नाटक, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता का विषय बनता जा रहा है। कर्नाटक सरकार इस पूरे मामले को अत्यंत गंभीरता से ले रही है और जांच की निगरानी उच्च स्तर पर की जा रही है। राज्य के गृहमंत्री ने भी संकेत दिए हैं कि अगर इस मामले में किसी धार्मिक संस्था, संगठन या प्रभावशाली व्यक्ति की भूमिका सामने आती है, तो कठोर कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे।

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