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कन्या विवाह योजना में बड़ा फेरबदल; अब वधू के खाते में आएंगे 35 हजार रुपये नकद

प्रदेष में गरीब परिवारों की कन्याओं के विवाह के संबंध में होने वाली कठिनाईयों को देखते हुए प्रदेष सरकार द्वारा “छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना” लागू की गई है। गरीब परिवारों को कन्याओं के विवाह के संदर्भ में होने वाली आर्थिक कठिनाईयों का निवारण, विवाह के अवसर पर होने वाली फिजूलखर्ची को रोकना एवं सादगीपूर्ण विवाह को बढावा देना, सामूहिक विवाहों के आयोजन के माध्यम से मनोबल/आत्मसम्मान में वृद्वि एवं उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार तथा विवाहों में दहेज के लेन-देन की रोकथाम करना है।

अब सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत की जाने वाली व्यय राशि 50,000 रुपये के व्यय मापदण्ड में बड़ा फेरबदल किया है। शासन से मिलने वाली इस राशि का एक बड़ा हिस्सा सीधे नवविवाहिता के खाते में 35,000 रुपये डीबीटी (डारेक्ट बैंक ट्रांसफर) के माध्यम से डालेगी। सरकार की तरफ से जारी पत्र में लिखा गया है कि, 35 हजार रुपए सीधी तौर पर विवाहित कन्या के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।संशोधित मापदंड के अनुसार, बकाया 15 हजार रुपए से कन्या के लिए सामग्री खरीदी जाएगी। मापदंडों में बदलाव के पीछे अधिकारी खुद मान रहे हैं वित्तीय अनियमितता है। लगातार मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में आर्थिक अनियमितता का आरोप अधिकारियों पर लगता था। इन आरोपों को दूर करने के लिए सरकार ने पूरे मापदंडों को ही बदल दिया है। हालांकि अधिकारी यह भी कह रहे हैं, सरकार ने इसका प्ररूप बदला है इससे सीधा लाभ कन्या को ही मिलेगा। अब खरीद फरोख्त में न तो कोई आरोप लगेगा और न ही घटिया सामाग्री की खरीदी की कोई जगह बची है।

इस तरह से होगा खर्च अधिकारी नहीं कर सकता अपनी मनमानी –

विवाह आयोजन व्यवस्था एवं परिवहन पर कुल व्यय 8 हजार रुपए होगा। इसमें पंडाल और भवन किराया और प्रति जोड़ा के 20 अतिथि के भोजन व नाश्ता पर खर्च किया जाए। साथ ही बैठक व्यवसथा और विवाह का फोटो एवं प्रमाण पत्र आक स्मिक व्यय और परविहन पर खर्च होगा। शेष सात हजार रुपए को वर-बधू के कपड़े, श्रृंगार सामाग्री, जूते चप्पल, चुनरी, साफा मंगलसूत्र और इन समाग्री के अलावा क्रय समिति जो उचित समझे उसे खरीद सकती है। इस प्रारूप से बाहर जाकर अधिकारी अपनी मनमानी नहीं कर सकता है।

संशोधित व्यय मापदंड का लाभ 2024-25 से मिलेगा

महिला एवं बालविकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा यह आदेश 15 मार्च 2024 को सभी जिलों के लिए जारी हुआ है। यह आदेश महिला एवं बाल विकास के संचालक तूलिका प्रजापति ने जारी किया है। इस आदेशा को 2024-25 से प्रभावी रूप सभी जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारियों को लागू करना होगा। इस तरह व्यय मापदंड में संशोधन करने से बीपीएल परिवार से जुडे नव विवाहित जोडे को बड़ा लाभ मिलेगा। सरकार की यह मंशा पूर्ण रूप से जब लागू होगी दंतेवाड़ा जिले के अंदरूनी क्षेत्रों में रह रहे युवक- युवतियां जो इस योजना से जुड़ेगी उन्हें विवाह उपरांत सरकार के द्वारा दी गई आर्थिक मदद गृहस्थ जीवन को और बेहतर करगी।

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