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बघेल अनावश्यक मुद्दों पर बात कर रहे हैं, जिनका कोई सिर-पैर नहीं है : अजय

CG NEWS : रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता व विधायक अजय चन्द्राकर ने प्रदेश के राज्यपाल रामेन डेका के प्रदेश में दौरों और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयानों पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा है कि बघेल इन दिनों अनावश्यक मुद्दों पर बात कर रहे हैं, जिनका कोई सिर-पैर नहीं है। चंद्राकर ने मंगलवार को अपने निवास पर विभिन्न विषयों पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि यह बड़े आश्चर्य का विषय है कि पाँच साल मुख्यमंत्री रहे बघेल को यह मालूम नहीं है कि संवैधानिक पदों पर क्या बात करनी चाहिए?

भाजपा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता चन्द्राकर ने कहा कि सरकार के प्रत्येक आदेश राज्यपाल के हस्ताक्षर से ही निकलते हैं। संविधान की किसी भी धारा में यह नहीं लिखा है कि राज्यपाल को दौरा नहीं करना चाहिए या करना चाहिए। अब शासन भूपेश बघेल से तो पूछकर नहीं चलाया जा सकता। चन्द्राकर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष भी एक संवैधानिक पद है। डॉ. रमन सिंह विधानसभा अध्यक्ष होने के साथ-साथ एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि भी हैं। कहीं पर भी यह संहिताबद्ध (कोडिफाइड) नहीं है कि विधानसभा अध्यक्ष को शासन के किसी काम में चिठ्ठी लिखना है या नहीं लिखना है। विधानसभा अध्यक्ष की मर्यादाएँ व भूमिका क्या हैं, यह कहीं संहिताबद्ध नहीं है। श्री चन्द्राकर ने तंज कसा कि भूपेश बघेल को यदि कोई आपत्ति थी तो अपने पाँच साल के शासनकाल में यह सब संहिताबद्ध कर देना था कि विधानसभा अध्यक्ष यह-यह काम करेंगे और यह-यह काम नहीं करेंगे। इसी प्रकार राज्यपाल के लिए एक संस्तुति राष्ट्रपति से करा देनी थी कि राज्यपाल को क्या करना है और क्या नहीं करना है? चन्द्राकर ने कहा कि भूपेश बघेल के लिए संवैधानिक आदमी गांधी परिवार है। उसको छोड़कर वह सब पर टिप्पणी कर सकते हैं।

छत्तीसगढ़ में चिह्नित व पकड़े गए घुसपैठियों के कागजात-दस्तावेज किसके कार्यकाल में किन अधिकारियों ने बनाया, प्रशासन यह जनता को बताए

भाजपा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता चन्द्राकर ने छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों पर जारी कार्रवाई से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि पूरे देश में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के शासनकाल में जनसांख्यिकीय संतुलन बुरी तरह बिगड़ा है। इसमें असम और प. बंगाल प्रमुख हैं, जहाँ घुसपैठिये सीमा पार करके आ रहे हैं। इनमें उत्तर-पूर्व के कुछ राज्य भी प्रभावित हैं। अब ये घुसपैठिये देशभर में फैल रहे हैं। चन्द्राकर ने छत्तीसगढ़ में घुसपैठियों की बसाहट पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिन लोगों ने छत्तीसगढ़ में चिह्नित व पकड़े गए इन 11 घुसपैठियों के कागजात-दस्तावेज बनाए, उनके बारे में जनता को बताना प्रशासन की जिम्मेदारी है कि ये कागजात किसके कार्यकाल में किन अधिकारियों ने बनाए? चन्द्राकर ने कहा कि अब कांग्रेस के लिए घुसपैठ करके जनसांख्यिकीय असंतुलन पैदा करना वोट-बैंक के समान है, राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा नहीं है। अभी जिस तरह की सरकार बांग्लादेश में है, पाकिस्तान में है, घुसपैठ की समस्या उनके लिए बड़ी समस्या है, लेकिन भारत में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के लिए घुसपैठिये वोट-बैंक के समान हैं। इसलिए इनके बयानों पर कोई भरोसा नहीं किया जा सकता, ये देश बेच सकते हैं

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