असम प्रांत के नगांव जिला स्थित चिकनीपथार में अखिल असम सतनामी कल्याण परिषद के द्वारा आयोजित 34 वें अधिवेशन के दुसरे दिवस असम के कैबिनेट मंत्री केशव महंत पहुंचे उन्होंने जय सतनाम व मिनीमाता की जयघोष के साथ कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान असम सतनामी समाज की ओर से उन्हें जैतखाम का मॉडल, फूलान गमछा तथा मुमेटो भेंटकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे छत्तीसगढ राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के.पी. खण्डे ने समाज की ओर से मंत्री जी को मांग पत्र सौंपते हुए असम में निवासरत सतनामी समाज के लोगों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल कर आरक्षण का लाभ देने , सभी सतनामी बाहुल्य बस्तियों में मिनीमाता जी के नाम से भवन बनाने, मिनीमाता जी की जन्म स्थली नंगाव जिला में स्कूल/ कॉलेज का नामकरण माता जी के नाम से करने, चायबगान में काम करने वाले मजदूरों की पारिश्रमिक आय बढ़ाकर कलेक्टर दर पर करने, दाह संस्कार के लिए समाज को पृथक से जमीन आवंटित करने तथा गरीबो को पक्के मकान का लाभ देने पुरजोर मांग रखी। जिस पर मंत्री महंत ने सतनामी समाज के उत्थान व विकास के लिए असम मुख्यमंत्री से चर्चा कर हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
गुरु घासीदास शोध पीठ के पूर्व अध्यक्ष डॉ.जे.आर सोनी ने संबोधित करते हुए कहा कि समाज के लोगों को नशापान व मांसाहार से दूर रहकर गुरु घासीदास जी की शिक्षाओं व उनके आदर्शों को अपने जीवन में चरितार्थ करना चाहिए उन्होंने समाज के लोगों को राजनीति क्षेत्र में भी आगे आने का आव्हान किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के प्रदेश प्रवक्ता चेतन चंदेल ने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि समाज के बच्चों को उच्च शिक्षा ग्रहण करवाकर राज्य व केंद्र सरकार के शासकीय नौकरियों के लिए प्रयास करना चाहिए साथ ही छोटे-छोटे स्वरोजगार व व्यवसाय को अपनाकर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करनी चाहिए।
कार्यक्रम में असम सतनामी समाज के बालिकाओ ने शानदार पंथी व छत्तीसगढ़ी गीतों पर नृत्य कर खुब तालियां बटोरी। इस दौरान छत्तीसगढ़ से आए पंथी दल व लोक कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति देते हुए गुरु घासीदास जी व मिनीमाता जी की महिमा का बखान कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। तत्पश्चात आयोजन समिति की ओर से असम सतनामी समाज के प्रमुखजनों ,महिलाओं, कार्यकर्ताओं सहित कलाकारों को फूलान गमछा व प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया ।