रायपुर, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष श्री अमित जोगी के निर्देशानुसर किरंदुल पहुँचे नगरनार के CMD का आज जोगी कांग्रेसियों ने जमकर विरोध, प्रदर्शन और घेराव किया । इसके पूर्व आज अमित जोगी ने ट्वीट के माध्यम से कटाक्ष करते कहा था सिर्फ दो घंटे बाद, NMDC के CMD @CmdNmdc की किरंदुल में एंट्री शेड्यूल्ड है।
यह इतना जरूरी क्यों? 29 अक्टूबर 2025 को, NMDC ने नागरनार स्टील प्लांट में 90% सार्वजनिक हिस्सेदारी अर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील को बेचने का प्रस्ताव रखा है। यह प्रधानमंत्री के 23 अक्टूबर 2023 के आश्वासन का सीधा उल्लंघन है, जब उन्होंने इस प्लांट को राष्ट्र को समर्पित किया था। उन्होंने कहा नागरनार के संस्थापक अजीत जोगी के पुत्र के रूप में, मैं चुप नहीं बैठ सकता जबकि भाजपा हमारी राष्ट्रीय संपत्ति अपने कॉर्पोरेट मित्रों को बेच रही है। 1795 में, बस्तर के लोग ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के कैप्टन ब्लंट के प्रवेश का विरोध करने एकजुट हुए थे।आज, बस्तर के लोग आधुनिक युग के कैप्टन ब्लंट्स के प्रवेश का विरोध करने एकजुट हैं। हम दाँत-खंग से विरोध करेंगे। यह हमारी धरोहर है, हमारा भविष्य है। नागरनारस्टीलप्लांटबचाओ #बस्तरजाग_उठा।जिसके बाद जोगी कांग्रेसियों ने आज किरंदुल पहुँचे CMD का विरोध किए।
जगदलपुर संभागीय अध्यक्ष एवं बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के संयोजक नवनीत चाँद,संभागीय महामंत्री रामनाथ नेगी दंतेवाड़ा जिला अध्यक्ष रेमो मरकाम ने CMD को कहा छत्तीसगढ़ के इतिहास के सबसे बड़े वित्तीय घोटाले की जांच की होनी चाहिए है। यह घोटाला 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सार्वजनिक संपत्ति से जुड़ा है।
इस घोटाले में नागरनार स्टील प्लांट की 26,000 करोड़ रुपये की संपत्ति, बैलाडिला लौह अयस्क खदानों का 85,000 करोड़ रुपये का मूल्य और भविष्य के राजस्व की 40,000 करोड़ रुपये की हानि शामिल है, जिसका कुल अनुमानित घोटाला 1.5 लाख करोड़ रुपये बैठता है।
प्रमुख आरोपों में प्रधानमंत्री के 3 अक्टूबर 2023 के सार्वजनिक वादे और एनएमडीसी की 29 अक्टूबर 2025 की रिपोर्ट के बीच गंभीर विसंगति शामिल है। जहां प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से “प्लांट का निजीकरण नहीं होगा” का वादा किया था, वहीं एनएमडीसी की रिपोर्ट में “विनिवेश जारी” की पुष्टि की गई है।
घोटाले की समयरेखा के अनुसार 29 अक्टूबर 2025 को एनएमडीसी ने नागरनार स्टील प्लांट के 90% शेयर निजी कंपनी को बेचने की मंजूरी दी। इसके बाद 1 नवंबर 2025 को पर्यावरण मंत्रालय ने किरंदुल-अनकापल्ली स्लरी पाइपलाइन को मंजूरी दी। 7 नवंबर 2025 को इस्पात मंत्रालय ने इसी पाइपलाइन को अंतिम मंजूरी प्रदान की। 9 नवंबर 2025 को जारी गजट अधिसूचना में सुकमा, दंतेवाड़ा, मलकानगिरी और विशाखापत्तनम जिलों में भूमि अधिग्रहण को मंजूरी दी गई।
वित्तीय अनियमितताओं में 120 करोड़ रुपये का कोयला आयात घोटाला शामिल है, जिसमें एक गैर-मौजूद अमेरिकी कंपनी से अनुबंध किया गया, जबकि छत्तीसगढ़ में पर्याप्त कोयला भंडार उपलब्ध है। वित्तीय हेराफेरी के तहत पहली तिमाही अप्रैल-जून 2025 में 26 करोड़ रुपये का लाभ दिखाया गया, जबकि दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर 2025 में घाटा दर्ज किया गया।
यह घोटाला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988, धन शोधन निवारण अधिनियम 2014 और पेसा कानून 1996 का स्पष्ट उल्लंघन प्रतीत होता है।
इसके पूर्व श्री अमित जोगी ने सीबीआई को पत्र को लिखा और पत्र में CBI से 1.5 लाख करोड़ रुपये के इस घोटाले की तत्काल जांच की मांग की है। उन्होंने निजीकरण के सभी प्रस्तावों की तत्काल वापसी, एनएमडीसी स्टील के सीएमडी से सार्वजनिक माफी और नागरनार प्लांट को स्थायी सार्वजनिक इकाई घोषित करने की कानूनी गारंटी की मांग की है।
जोगी ने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ एक वित्तीय घोटाला नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ सरकारी स्तर पर किया गया ऐतिहासिक विश्वासघात है। उन्होंने 15-दिवसीय अल्टीमेटम भी जारी किया है वहीं पार्टी के द्वारा बस्तर महत्वपूर्ण मुद्दों में पर्यावरण प्रबंधन के नाम पर लाल पानी, की समस्या का यथावत रहने क्षेत्र के किस रहवासी की परेशानी , लाखों पौधे लगाने के नाम पर पर्यावरण प्रबंधन पर की राशि मे भ्रष्टाचार,लचार शिक्षा स्वास्थ्य व्यवस्था , जनता की आशाओं और मांगो के विपरीत सी ए सार एवं डी एम एफ टी की राशि का ख़र्च राशि आवंटन की वास्तविक जानकारी से क्षेत्र की जनता को दूर रखना, भूमि अधिग्रहण- पुनर्वास के नियमों को ताक पर रखकर आदिवासियों के घरों को उजाड़ना, लंबे समय से एनएमडीसी के पदों की भर्ती को रोक कर स्थानीय भर्ती को बंद रखना रोजगार स्वरोजगार में दूसरे प्रदेश से आए हुए लोगों को प्राथमिकता देना, ऐसी अनेकों मांग को लेकर क्षेत्र के की जनता एनएमडीसी प्रबंधन सेनाराज है! स्थानीय एनएमडीसी प्रबंधन का क्षेत्र की जनता से दुर्व्यवहार एवं जिला प्रशासन से दूरी क्षेत्र की समस्याओं के समाधान में सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है
यदि इन मांगों पर आगामी 10 दिसंबर तक कोई सकारात्मक पहल नहीं होती है तो उसके बाद जोगी कांग्रेस मुक्ति मोर्चा किरंदुल-बचेली में बड़े आंदोलन करने के साथ ही राज्यव्यापी जन आंदोलन शुरू करेगी। इस दौरान बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जें के पदाधिकारी के रूप में दंतेवाड़ा जिला अध्यक्ष रेमो मरकामी, संभागीय महामंत्री रामनाथ नेगी, मजदूर यूनियन अध्यक्ष लखमा को राम, मजदूर यूनियन सचिव कुरसो राम मौर्य, सुकमा जिला अध्यक्ष पी प्रसाद राजू, किरंदुल मंडल अध्यक्ष विजय कुमार सोनवानी, जगदीश नायक मीडिया प्रभारी, जगदलपुर युवा विंग अध्यक्ष हिमांशु आनंद,कोर कमेटी अध्यक्ष रमेश यादव, बचेली यूथ अध्यक्ष हिडमा पोड्याम आदि पदाधिकारी एवं प्रभावित क्षेत्र के लोग उपस्थित थे










