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बिजली विभाग स्मार्ट मीटर से लूट छिपाने मीटर जांच पर 1000 रु शुल्क ले रही _Newsxpress

CG Khabar : रायपुर। बिजली विभाग के द्वारा स्मार्ट मीटर की अनिमियता की जांच के लिए तय 1000 रु शुल्क को रद्द करने की मांग करते हुऐ प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार बनने के बाद बिजली विभाग उपभोक्ता लूट केंद्र बन गया है। जनता वैसे ही स्मार्ट मीटर लगने के बाद अनापशनाप बिजली बिल से परेशान है। स्मार्ट मीटर की अनिमियता के चलते विद्युत खपत से ज्यादा की बिल आ रही है। उपभोक्ताओ की अनुमति के बैगर स्मार्ट मीटर दबावपूर्वक लगाया जा रहा है। अब स्मार्ट मीटर की गड़बड़ी की शिकायत पर सरकार शिकायत कर्ता उपभोक्ता के घर संस्थान में मीटर की जांच कराने की बात कही थी अब बिजली विभाग स्मार्ट मीटर की जांच के लिए भी 5 सौ रु से 1 हजार की शुल्क ले रही है। ये तो उपभोक्ताओं के साथ लूट है। ये तो निशुल्क होना चाहिए। बिजली विभाग की जिम्मेदारी है शिकायत का निराकरण करना।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि स्मार्ट मीटर को लेकर पूरे देश में जनता की नाराजगी है मध्य प्रदेश में तो माननीय न्यायालय ने स्मार्ट मीटर लगाने पर ही रोक लगा दी है लेकिन छत्तीसगढ़ में बिजली विभाग मनमानी कर रहा है छत्तीसगढ़ में भी उपभोक्ता की सहमति से ही स्मार्ट मीटर लगानी चाहिए अगर उपभोक्ता पुराने मीटर संतुष्ट है, तो फिर स्मार्ट मीटर के अनिवार्यता क्यों? बिजली विभाग को उपभोक्ता को बताना चाहिए कि उनके घर में पहले से लगे मीटर में क्या खराबी है जो उनके स्थान पर स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है?

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए बिजली उपभोक्ताओं के ऊपर व्यय भार बढ़ा रही है स्मार्ट मीटर से लूट हो रही है। बिजली बिल हाथ योजना बंद होने से वैसे ही जनता परेशान है ऊपर से स्मार्ट मीटर की गड़बड़ियों का खामियाजा भी जनता को भुगतना पड़ रहे कई स्थानों पर उपभोक्ताओं ने स्मार्ट मीटर की कमियों को चेक करवाएं तो स्मार्ट मीटर की गड़बड़ियां पकड़ी गई है। गड़बड़ियां पकड़ने के बावजूद उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं मिला है यह पूरी तरीका से बिजली विभाग की मनमानी है कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि बिजली विभाग स्मार्ट मीटर की चेकिंग के नाम से जो शुल्क निर्धारित किया है उसे वापस लिया जाए और निशुल्क में उपभोक्ताओं को जांच की सुविधा दें वह उपभोक्ताओं के सहमति से ही स्मार्ट मीटर घरों में लगाया जाए।

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