रायपुर। संगीतकार से निर्देशक बने बाबला बागची की पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘संगी रे लहुट के आजा’ ने प्रदेश के 30 सिनेमाघरों में रिलीज होते ही दर्शकों का दिल जीत लिया है। रायपुर के श्याम सिनेमा में हुए प्रीमियर शो में दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी, जहाँ सभी ने इस संगीतमय फिल्म की जमकर सराहना की। फिल्म को दर्शकों से शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है।फिल्म की कहानी एक गाँव के गरीब लड़के की है, जो एक प्रतिभाशाली गायक है और अपने सपनों को पूरा करने के लिए मुंबई का रुख करता है जिसमें अपनी बुढ़ी माता का सपना पूरा करने की तमन्ना रख मुंबई की ओर रुख करते है।
कहानी में रोमांस, इमोशन और दमदार एक्शन का बेहतरीन संतुलन है, जो दर्शकों को शुरू से अंत तक बांधे रखती है। फिल्म का क्लाइमेक्स बेहद प्रभावी ढंग से फिल्माया गया है, जो दर्शकों पर एक गहरी छाप छोड़ता है।अभिनेता योगेश अग्रवाल ने अपने अब तक के करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। उनका अभिनय इतना दमदार है कि कई दृश्यों में दर्शक तालियां बजाने पर मजबूर हो जाते हैं। फिल्म के नए हीरो प्रतीक ने भी अपने किरदार में जान डाल दी है, वहीं हीरोइन सिल्की का अभिनय भी काबिले-तारीफ है और वह महिला दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ने में सफल रहती हैं।हीरो की माता के किरदार में रंगमंच कलाकार अनीता उपाध्याय ने 50 से की दशक की चर्चित अभिनेत्री दुर्गा खोटे की अभिनय को याद दिलाता है जबरदस्त बॉन्डिंग दिखाई दी है माँ बेटे की निर्देशक बाबला ने फिल्म का सबसे बड़ा सरप्राइज हैं
छत्तीसगढ़ी फिल्मों के सुपर डायरेक्टर सतीश जैन, जो इस फिल्म में एक दमदार कॉमेडी भूमिका में नजर आ रहे हैं। उनके किरदार ने दर्शकों को खूब हंसाया और अचंभित भी किया।निर्देशक के तौर पर अपनी पहली ही फिल्म में बाबला बागची ने शानदार निर्देशन किया है और यह साबित कर दिया है कि वे अपने गुरु सतीश जैन के एक योग्य शिष्य हैं। फिल्म का संगीत पक्ष भी बेहद मजबूत है, जिसकी कहानी दो गायकों के इर्द-गिर्द घूमती है। बाबला बागची द्वारा संगीतबद्ध किए गए सभी गाने कर्णप्रिय हैं और दर्शकों की जुबान पर चढ़ रहे हैं।कुल मिलाकर, ‘संगी रे लहुट के आजा’ एक संपूर्ण पारिवारिक साफ-सुथरी मनोरंजक फिल्म है। बेहतरीन कहानी, दमदार अभिनय, कर्णप्रिय संगीत और शानदार क्लाइमेक्स के साथ यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर एक बड़ी हिट साबित हो सकती है। यह फिल्म निश्चित रूप से देखने लायक है।