रायपुर/ एनएसयूआई के विधानसभा अध्यक्ष सूर्यकांत वर्मा की बलौदाबाजार में षडयंत्रपूर्वक की गई गिरफ्तारी की निंदा करते हुये प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा की पहले से ही आशंका थी राज्य सरकार बलोदा बाजार की घटना से लगे दामन में काली दाग को लीपापोती करने के लिये कांग्रेस नेताओं पर झूठे मामला दर्ज करा गिरफ्तार करेगी। पहले सतनामी समाज के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया उनकी मांग को अनसुना किया गया उनके आंदोलन को बदनाम करने के लिए भाजपा नेताओं को शामिल करवाया गया और अब घटना होने के बाद षडयंत्र पूर्वक कांग्रेस नेताओं को फसाया जा रहा है। घटना के दिन ही सरकार के जिम्मेदार मंत्रियों ने प्रेस वार्ता करके जिस प्रकार से समाज के पूज्यनीय गुरु रुद्र कुमार जी ,कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, विधायक कविता प्राण लहरे, नेता कार्यकर्ताओं के ऊपर पर झूठे आरोप लगाए। उसी दिन स्पष्ट हो गया था, घटना में लीतापोती करने गंभीर षडयंत्र रचा जा रहा है। जब गुरु रुद्र कुमार अपने ऊपर लगे झूठे आरोपो से व्यथित होकर गिरफ्तारी देने एसपी कार्यलय पहुँचे तब पुलिस प्रशासन हड़बड़ा गई। राज्य सरकार की सांस फूलने लग गई। अब राज्य सरकार अपने माथे पर लगे कलंक तो मिटाने के लिए निर्दोष लोगों पर कार्यवाही कर रही है यह अनुचित है। कांग्रेस मांग करती है कांग्रेस के गिरफ्तार नेताओं कार्यकर्ताओं को तत्काल रिहा किया जाये। घटना के लिए जिम्मेदार असमाजिक तत्व एवं भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी हो।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि बलौदा बाजार के आंदोलन में भाजपा के जिला अध्यक्ष सनम जांगड़े सहित अन्य भाजपा नेताओं की क्या भूमिका रही है? इसकी जांच होनी चाहिए। धरना प्रदर्शन के लिए कलेक्टर से परमिशन दिलाने वाला कौन था? रैली में आने वाले हजारों लोगों के लिए भोजन, मंच, पंडाल, माइक के लिए रुपया की व्यवस्था किसने किया था?इतनी बड़ी घटना के बाद भड़काऊ भाषण देने वाले भीम आर्मी के लोगों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? नागपुर से ढाई सौ से अधिक लोग आए थे वह कौन थे? सरकार ने उन पर नजर क्यों नहीं रखा था? भीड़ में लोग लाठी डंडा लेकर आए थे प्रशासन क्या कर रहा था? उनको रोक क्यों नहीं? रैली की शुरुआत में ही उपद्रव शुरू हो गया था उसके बावजूद लोगों को कलेक्ट्रेट क्यों जाने दिया गया? भीड़ को रोकने की कोशिश क्यों नहीं हुई?आम जनता के वाहन को जलाया जा रहा था लोगों को दौड़कर पीटा जा रहा था तब पुलिस कहां थी? एसपी किसके इशारे पर शांत क्यो बैठे हुए थे? घटना को रोकने के बजाय पलायन क्यों कर गए? इस विषय की जांच होनी चाहिए और असमाजिक तत्व एवं भाजपा नेता जिनकी भूमिका रही है उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए।