Dantewada.जिला एवं सत्र न्यायालय ने पॉक्सो और एस्ट्रोसिटी के मामले में आरोपी शिक्षक अजय सिंह को 10 वर्ष की सजा सुनाई है। यह मामला स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा से शिक्षक के द्वारा घर पर बुलाकर छेडख़ानी से जुड़ा है। बता दे की फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में न्यायधीश शैलेश शर्मा ने इस गंभीर अपराध पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बच्चों के लिए विद्यालय में शिक्षक ही माता-पिता तुल्य होते हैं। इनसे श्रेष्ठ आचरण की अपेक्षा की जाती है। ऐसी स्थिति में यदि अध्यापक ही छात्र-छात्राओं का शोषण करे तो उस स्थिति में छात्र-छात्राएं कहां जाएं और स्वयं को कहां सुरक्षित महसूस करेंगी। Where should students go and where will they feel safe?
मिली जानकारी के मुताबिक, पॉक्सो और एस्ट्रोसिटी के इस मामले में दोषी पाए गए खेल शिक्षक का नाम अजय सिंह है। बीते सितंबर महीने में आदिम जाति कल्याण थाना और दंतेवाड़ा कोतवाली थाना में पीड़िता द्वारा दर्ज शिकायत के मुताबिक, अजय सिंह ने उसे खेल का फॉर्म लाने के बहाने अपने गीदम स्थित निवास पर बुलाया। फिर उसके साथ पहले तो छेड़खानी की और फिर दुष्कर्म करने का प्रयास किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने खेल शिक्षक अजय सिंह के खिलाफ पॉक्सो और एट्रोसिटी की संगीन धाराओं में मामला पंजीबद्ध किया था, जिसके बाद इस मामले की गंभीरता से जांच की गई और कोर्ट में पीड़िता का कथन, घटना स्थल का नजरी नक्शा और मामले से जुड़े सभी साक्ष्यों को कथन बद्ध किया गया। इस दौरान फास्ट ट्रेक कोर्ट के न्यायधीश शैलेश शर्मा ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर आरोपी अजय सिंह को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाया और भारतीय न्याय सहिंता की धारा 74 के आरोप में पांच वर्ष का सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए का अर्थदंड और धारा 10 के आरोप मे सात वर्ष का सश्रम करावास और 50 हजार का अर्थदंड देने की सजा सुनाई। ,कोर्ट के आदेश के मुताबिक, According to the court order,अगर अजय सिह अर्थदंड नहीं चुकाता है तो एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास और भुगतना होगा।Will have to undergo additional imprisonment of one year each.