मेघा तिवारी की रिपोर्ट,
रायपुर, छत्तीसगढ़ लावण्या फाउंडेशन ने मितानिन दिवस के मौके पर 20 मितानिन महिलाओं को उनके अद्वितीय योगदान और सेवाभाव के लिए सम्मानित किया। यह कार्यक्रम फाउंडेशन के न्यू राजेंद्र नगर स्थित कार्यालय में आयोजित किया गया, जिसमें समाज की सेवा में अपने कठिन कार्यों के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली इन मितानिनों को सराहा गया।
फाउंडेशन के अध्यक्ष संदीप शर्मा ने बताया कि अमलीडीह, गुरमुख सिंह नगर, राजीव पांडे नगर, महात्मा गांधी नगर और फूंडहर जैसे बस्ती क्षेत्रों में कार्यरत मितानिनों का चयन किया गया। इन महिलाओं ने न केवल ग्रामीण इलाकों, बल्कि शहरी बस्तियों में भी स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस आयोजन में मितानिनों के उत्साहवर्धन के लिए गीत, संगीत और नृत्य का कार्यक्रम रखा गया, जिसमें उपस्थित महिलाओं ने भाग लेकर आनंद लिया। उन्हें उनकी कड़ी मेहनत के लिए साड़ियां और सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया गया।
संदीप शर्मा ने बताया कि मितानिन समाज के सबसे कमजोर वर्गों के लिए शासन की स्वास्थ्य योजनाओं को वास्तविक रूप से लागू करने में अहम कड़ी साबित होती हैं। ये महिलाएं बिना किसी स्वार्थ के गांव-गांव, बस्ती-बस्ती जाकर लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराती हैं। बावजूद इसके, उनके कठिन कार्य और बलिदान को समाज में उतना सम्मान नहीं मिलता जितना वे इसके हकदार हैं। इसी उद्देश्य से लावण्या फाउंडेशन ने मितानिनों के लिए यह सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया, ताकि उनकी सराहना की जा सके। इस मौके पर संस्था के पदमा शर्मा, आर.के. तिवारी, सरिता शर्मा, के.आर. ऊके, सविता मौर्य, राजेंद्र स्वास्तिक, सुमन अग्रवाल, ऋचा हिंदुजा, प्रतिमा नंदी, रीना पलिका, मनोज खरे, निर्मल जैन और आरती श्रीवास्तव उपस्थित रहे।
यह आयोजन मितानिनों के संघर्ष और समर्पण को मान्यता देने के साथ-साथ समाज में उनके योगदान को सराहने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।