हर साल की तरह इस बार भी सावन माह शुभ योग से भरा है। 22 जुलाई का दिन शिव भक्तों के लिए बेहद खास है, क्योंकि इस दिन से सावन माह की शुरुआत हो रही है। ये माह भोलेनाथ की पूजा अर्चना को समर्पित है। इस दौरान चातुर्मास होने के कारण सृष्टि का संचालन महादेव के हाथों में होता है। ऐसे में उनकी पूजा करने से मनचाहे परिणामों की प्राप्ति होती है। सावन माह में आने वाले सभी सोमवार को व्रत रखने का विधान है। इस दौरान पहला सावन सोमवार व्रत 22 जुलाई 2024 के दिन रखा जाएगा। इस तिथि से ही सावन माह की शुरुआत होगी और कांवड़ यात्रा भी निकाली जाएगी। इस दिन प्रीति योग, आयुष्मान योग, स्वार्थ सिद्ध योग और शिववास योग बन रहा है। ऐसे में शंकर जी की पूजा करना लाभदायक रहेगा। हालांकि कुछ लोग पूजा में ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिससे संपूर्ण फल की प्राप्ति नहीं होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि सावन के पहले सोमवार पर महादेव की पूजा किस विधि से करनी चाहिए। मान्यता है कि इस उपवास को रखने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा कुंवारी कन्याओं के लिए ये व्रत बेहद खास होता है। इससे मनचाहे वर की प्राप्ति के योग बनते हैं।
सावन माह में आने वाले सभी सोमवार की तारीख
पहला सोमवार – 22 जुलाई
दूसरा सोमवार – 29 जुलाई
तीसरा सोमवार – 05 अगस्त
चौथा सोमवार – 12 अगस्त
पांचवां सोमवार – 19 अगस्त
सावन सोमवार व्रत की पूजा विधि
सावन सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए। फिर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद घर के सभी स्थानों पर गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए, ये शुभ होता है। फिर पूजा स्थान पर आकर सभी सामग्रियों को एकत्रित कर के रख लें। इस दौरान उपयोग होने वाले बर्तनों को भी अपने पास साफ कर के रख लें। फिर विधिपूर्वक भगवान शिव का अभिषेक करें। इसके बाद उन्हें फल, पुष्प, धूप, बेलपत्र, अक्षत आदि चीजें अर्पित करते जाएं। फिर भगवान शिव का नाम लेते हुए देसी घी का दीपक जलाएं। इस दौरान शिव जी के मंत्रों का जाप करते रहना चाहिए, इससे सकारात्मकता का स्तर बढ़ता है। अंत में शिव जी की आरती करें। फिर जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हुए महादेव का आशीर्वाद लें।
सावन सोमवार पूजा सामग्री 2024
सावन के पहले सोमवार को पूजा के लिए इन सामग्रियों को शामिल करें। इनमें भोलेनाथ की तस्वीर, शिवलिंग पूजा के बर्तन, कुशासन, दही,शुद्ध देशी घी, शहद, बेलपत्र, भांग, धतूरा,शमी के पत्ते,गाय का दूध और गंगाजल का नाम शामिल है। इसके अलावा महादेव के वस्त्रमाता पार्वती के शृंगार का सामान, वस्त्र, दही, शक्कर, कपूर, धूप, दीप, रूई, जनेऊ, चंदन, केसर, अक्षत, इत्र, लौंग, छोटी इलायची, मौली, रक्षा सूत्र, भस्म,शिव चालीसा, शिव आरती किताब, हवन सामग्री और दान का सामान भी रखें।