छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के एक गांव में एक बार फिर मानवता को शर्मशार कर देने वाली घटना सामने आयी है। यह 13 वर्षीय बच्ची का गांव का कोटवार ही शोषण कर रहा था। जिसके बाद बच्ची प्रेग्नेंट हो गई, अब उसने एक प्रीमैच्योर बच्चे को जन्म दिया है। वही आरोपी कोटवार फरार हो गया है। मामला खंडसरा चौकी का है। मामले का खुलासा तब हुआ है जब उस नाबालिग के पेट में दर्द हुआ। जहां दर्द को छत्तीसगढ़ी भाषा में बताया गया की पेट में दिनाहि हो गया जिसके चलते गांव के बैगा के पास गया। जहां बैगा ने बताया की इनके पेट में दिनाही नहीं है बच्चा है। जिसके बाद नाबालिग के परिजन सरपंच के पास गए। जहां सरपंच ने अपने वाहन से नाबालिग को सिमगा सामुदायिक स्वास्थ केंद्र ले गया और डॉक्टर से बात कर उन सभी को वहीं छोड़ आया।
लेकिन यहां डॉक्टर ने उसका अबोर्शन करने से मना कर दिया। जिसके बाद सभी परिवार चौकी पहुंचे जहां नाबालिग ने सारी बात बताई और आरोपी के खिलाफ एफआईआर लिखवाई। वहीं से नाबालिग को जिला हॉस्पिटल भिजवाया गया। जहां नाबालिग ने 5 माह की बच्ची को जन्म दिया। वहीं एफआईआर के बाद से आरोपी फरार है। दरअसल, पूरा मामला बेमेतरा जिले के अंतर्गत आने वाले एक गांव का है। जहां पर सातवीं क्लास में पढ़ने वाली 13 साल की मासूम लड़की के साथ गांव के ही कोटवार के द्वारा 5 महीने से लगातार शोषण किया जा रहा था। मामला तब उजागर हुआ जब पीड़ित मासूम लड़की के पेट में दर्द हुआ। पहले परिजनों के द्वारा उन्हें पहले बैगा के पास ले जाया गया और बाद में डॉक्टर के पास ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने उसके प्रेग्नेंट होने की पुष्टि की। जिसके बाद एफआईआर फिर उसे जिला अस्पताल बेमेतरा भिजवाया गया। जहां मासूम नाबालिक ने 900 ग्राम की बच्ची को जन्म दिया।